सार

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) की सिक्योरिटी में हुई चूक ने पंजाब पुलिस और कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। इस घटना के बाद श्रीलंका में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर एक सैनिक द्वारा बंदूक की बट से किए गए हमले का वीडियो फिर से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है।
 

नई दिल्ली. पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) की सिक्योरिटी में हुई घोर लापरवाही का मामला तूल पकड़ गया है। इस मामले में पंजाब पुलिस और कांग्रेस सरकार की बहुत किरकिरी हो रही है। गुरुवार को सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी बना दी है। कमेटी को तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का दावा है कि उन्हें रूट डायवर्जन की सूचना नहीं दी गई। वहीं, गृह मंत्रालय ने जो बयान जारी किया था, उसके मुताबिक पंजाब के डीजीपी (DGP) की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही पीएम मोदी का काफिला आगे बढ़ा था। इस घटना के बाद श्रीलंका में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर एक सैनिक द्वारा बंदूक की बट से किए गए हमले का वीडियो फिर से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है।

30 जुलाई, 1987 को राजीव गांधी पर किया था सैनिक ने हमला
मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को बेहद गंभीर लापरवाही माना जा रहा है। ऐसी ही चूक का मामला 30 जुलाई, 1987 को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर हुए हमले के रूप मे सामने आया था। राजीव गांधी भारत-श्रीलंका शांति समझौते के लिए श्रीलंका गए थे। वहां गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान एक सैनिक ने बंदूक बट से उन पर हमला किया था। किसी भारतीय प्रधानमंत्री पर विदेशी की धरती पर हुआ यह अब तक का इकलौत हमला रहा है।

यह हुआ था मामला
राजीव गांधी पर कोलंबो में श्रीलंकाई सैनिक विजिथा रोहन विजेमुनी ने गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान हमला किया था। विजिथा रोहन विजेमुनी श्रीलंका में भारतीय सेना भेजने के खिलाफ था। इस हमले में राजीव गांधी की पीठ में हल्की चोट आई थी। इसके बाद विजेमुनी को सेना से बर्खास्त कर दिया गया था। यह भी गजब बात है कि मार्च, 2015 में जब मोदी श्रीलंका गए थे, तब विजेमुनी ने खुशी जाहिर की थी। करीब 28 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री श्रीलंका के दौरे पर गया था। इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 2008 में श्रीलंका के दौरे पर गए थे, लेकिन उनकी यह यात्रा सार्क समिट के लिए थी। यानी दोनों देशों के रिश्तों से जुड़ी नहीं थी। मोदी की यात्रा पर विजेमुनी ने मीडिया से कहा था कि वो मोदी को पसंद करता है, क्योंकि वे अच्छे आदमी हैं। हां, उन्हें हमारे घरेलू मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। बता दें कि श्रीलंका में तमिलों और सेना के बीच हुए संघर्ष में 1500 से अधिक भारतीय सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। ये सैनिक श्रीलंका में शांति समझौते के तहत गए थे।

70 के दशक में श्रीलंका में छिड़ गया था गृहयुद्ध
70 के दशक में लिट्‌टे यानी लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम श्रीलंका ने एक स्वतंत्र तमिल राष्ट्र के लिए हिंसक आंदोलन छेड़ दिया था।1983 में लिट्‌टे के लड़ाकों ने जाफना में 13 श्रीलंकाई सैनिकों की हत्या कर दी। इसके बाद श्रीलंका में गृहयुद्ध छिड़ गया था। इसका असर यह हुआ कि समुद्र के रास्ते बड़ी संख्या में तमिल भारत आने लगे। वहीं, भारत के तमिलों के साथ मिलकर लिट्टे अपने इरादों को अंजाम देने में लगा था। 1986 में तमिलों के गढ़ जाफना में श्रीलंकाई सेना ने हमला किया। इसमें कई तमिल मारे गए। इसके बाद भारत ने जाफना में घिरे तमिलों को सुरक्षित निकालने सेना भेजी। इस ऑपरेशन को 'पवन' के नाम से जाना जाता है। 
 

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