सार
PM मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के महत्वपूर्ण कदम में अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में पहले ग्रीनफील्ड ‘डोनी पोलो’ हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। हवाई अड्डे का नाम अरुणाचल प्रदेश में सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति सदियों पुरानी स्वदेशी श्रद्धा को दर्शाता है।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (19 नवंबर) को अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। उन्होंने 600 मेगावाट के कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के कदम रूप में प्रधानमंत्री ने ईटानगर में पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे "डोनी पोलो हवाई अड्डे' का उद्घाटन किया। हवाई अड्डे का नाम अरुणाचल प्रदेश की परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति इसकी सदियों पुरानी स्वदेशी श्रद्धा को दर्शाता है। (पहली तस्वीर-ईटानगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे, डोनी पोलो हवाई अड्डे के उद्घाटन के लिए पहुंचने पर कलाकारों ने अभिवादन किया)
(ईटानगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ शनिवार को ईटानगर में अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे डोनी पोलो हवाई अड्डे के उद्घाटन के दौरान)
मुंह पर करारा तमाचा
मोदी ने कहा-मैं जब भी अरुणाचल आता हूं, एक नई उमंग, ऊर्जा और नया उत्साह लेकर जाता हूं। अरुणाचल के लोगों के चेहरे पर कभी भी उदासीनता और निराशा नहीं झलकती है, अनुशासन क्या होता है? ये यहां हर व्यक्ति और घर में नजर आता है। इस हवाईअड्डे का उद्घाटन उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जिन्होंने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश में आगामी चुनावों के कारण शिलान्यास किया गया है। फरवरी 2019 में इस एयरपोर्ट का शिलान्यास हुआ था और ये सौभाग्य मुझे मिला था। हम ऐसा वर्क कल्चर लाए हैं, जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम करते हैं। अटकाना, लटकाना और भटकाना वह समय चला गया। आज देश में जो सरकार है, उसकी प्राथमिकता देश का विकास है, देश के लोगों का विकास है। साल में 365 दिन, चौबीसों घंटे, हम देश के विकास के लिए ही काम करते हैं।
मैं यहां अरुणाचल प्रदेश में हूं, जहां सूरज उगता है
हम देश के विकास के लिए काम करते हैं। मैं यहां अरुणाचल प्रदेश में हूं, जहां सूरज उगता है, और दमन में उतरूंगा, जहां सूरज डूबता है। हम चुनाव के लाभ के लिए काम नहीं करते हैं। दशकों से यह क्षेत्र पूर्व के राजनीतिक दलों की बेरुखी का शिकार रहा है। अटल जी ने सरकार बनाई और यह पहली सरकार थी जिसने क्षेत्र के विकास के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया।
देश का प्रथम गांव
दूर- सुदूर सीमा पर बसे गावों को पहले आखिरी गांव माना जाता था। लेकिन हमारी सरकार ने इन्हें आखिरी गांव, आखिरी छोर नहीं बल्कि देश का प्रथम गांव मानकर काम किया। अब कल्चर हो या एग्रीकल्चर, कॉमर्स हो या कनेक्टिविटी, पूर्वोत्तर को आखिरी नहीं बल्कि सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है। हमारी सरकार के प्रयासों के कारण, पूर्वोत्तर का विकास प्राथमिकता बन गया है। संस्कृति हो या कृषि, संपर्क का वाणिज्य, व्यापार या पर्यटन,दूरसंचार या कपड़ा, हर क्षेत्र में नार्थ-ईस्ट को पहली प्राथमिकता मिलती है।
डोनी पोलो हवाई अड्डा अरुणाचल प्रदेश का चौथा परिचालन हवाई अड्डा है। स्वतंत्रता के बाद 7 दशकों तक पूर्वोत्तर क्षेत्र में केवल 9 हवाई अड्डे थे। हालांकि, हमारी सरकार ने सिर्फ 8 साल में 7 नए एयरपोर्ट बनाए। यह एयरपोर्ट अरुणाचल प्रदेश के अतीत और संस्कृति का गवाह है। डोनी का अर्थ है सूर्य और पोलो का अर्थ है चंद्रमा। अरुणाचल प्रदेश में सीमावर्ती क्षेत्रों और दुर्गम इलाकों में सड़कों और राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा है। केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे पर लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इससे निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आय में वृद्धि होगी।
देश ने 2014 के बाद हर गांव तक बिजली पहुंचाने का अभियान शुरू किया था। इस अभियान का बहुत बड़ा लाभ अरुणाचल प्रदेश के गांवों को भी हुआ है। यहां ऐसे अनेक गांव थे, जहां आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची थी। हमने सदियों पुराने उस कानून को बदल दिया, जिसमें बांस काटने पर रोक थी। अब आप बांस उगा सकते हैं, काट सकते हैं और बेच सकते हैं। अब आप इसे खुले बाजार में व्यापार कर सकते हैं।
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अरुणाचल प्रदेश का पहला ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा 690 एकड़ से अधिक क्षेत्र में विकसित किया गया है। इस पर 640 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। 2300 मीटर रनवे के साथ हवाई अड्डा सभी मौसम में संचालन के लिए उपयुक्त है। हवाई अड्डा टर्मिनल एक आधुनिक इमारत है, जो ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा और संसाधनों की रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देती है। ईटानगर में नए हवाई अड्डे के विकास से क्षेत्र में न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि यह व्यापार और पर्यटन के विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करेगा, जिससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 600 मेगावाट के कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन को भी राष्ट्र को समर्पित किया। 8450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह पावर स्टेशन अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में 80 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश को आवश्यकता से अधिक बिजली वाला राज्य बनाएगी, इससे ग्रिड स्थिरता और एकीकरण के मामले में राष्ट्रीय ग्रिड को लाभ मिलेगा। यह परियोजना हरित ऊर्जा को अपनाने की देश की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में प्रमुख योगदान देगी।
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