सार
AIIMS ने अपने OPD में रजिस्ट्रेशन के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता के उपयोग को बढ़ावा देने का फैसला किया है। यानी जिन नए मरीजों के पास ABHA है, उन्हें रजिस्ट्रेशन में प्राथमिकता मिलेगी। इसके लिए स्कैन एंड शेयर कोड सॉल्युश को अपनाना होगा।
नई दिल्ली. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(All India Institute of Medical Sciences) यानी AIIMS ने अपने बाह्य रोगी विभाग(Out-Patient Department-OPD) में रजिस्ट्रेशन के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता(ABHA) के उपयोग को बढ़ावा देने का फैसला किया है। यानी जिन नए मरीजों के पास ABHA है, उन्हें रजिस्ट्रेशन में प्राथमिकता मिलेगी। 15 नवंबर को जारी एक कार्यालय ज्ञापन( office memorandum) के अनुसार, AIIMS के नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सभी OPD में इसके लिए स्कैन एंड शेयर कोड सॉल्युश को अपनाना होगा, ताकि रजिस्ट्रेशन की सुविधा आसान हो और मरीजो को चेकअप का नंबर मिल सके।
जिन मरीजों के पास स्मोर्टफोन नहीं है?
जिन रोगियों के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए आभा आईडी(ABHA IDs) बनाने की सुविधा के लिए डेडिकेटेड काउंटर्स और कियोस्क रहेंगे, जो कम से कम सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक संचालित किए जाएंगे, ताकि आभा आईडी के बनवाने को बढ़ावा दिया जा सके। इसे 21 नवंबर से नए राजकुमार अमृतकौर ओपीडी( new Rajkumar Amritkaur OPD) में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा। 1 जनवरी, 2023 से एम्स नई दिल्ली के सभी ओपीडी में मिशन मोड में लागू किया जाएगा।
कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, यह देखा गया है कि एम्स ओपीडी में आने वाले मरीज रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी लाइनों में खड़े रहते हैं। कई रोगियों के पास आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABH) होने के बावजूद रजिस्ट्रेशन के लिए मैन्युअल एंट्री की जा रही है। इसके अलावा, ABHA आईडी का उपयोग करके रजिस्ट्रेशन के समय, अक्सर OTP में देरी होती है और OTP को फिर से भेजने का अधिकतम प्रयास भी 3 बार तक सीमित होता है।
मेमोरेंडम में लिखा गया कि नेशरल हेल्थ अथारिटी (NHA) के स्कैन और शेयर क्यूआर कोड सॉल्युशन ने रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाले समय को कम करने में आशाजनक रिजल्ट दिखाए हैं और अस्पताल पहुंचने पर मरीज की यात्रा को सुव्यवस्थित करने में भी मदद की है। इसके अलावा, यह बायोमेट्रिक और फेस आथेंटिकेशन का सॉल्युशन भी है, जिससे ABHA आईडी डिटेल्स शेयर करने की परमिशन दी जा सके।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया है, "एम्स में नए और फॉलोअ अप पेशेंट्स के ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA) आईडी के उपयोग को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।"
ABHA आईडी के उपयोग के मामले को और बढ़ाने के लिए हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के साथ मरीजों के डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड के क्यूआर कोड बेस्ड शेयरिंग को भी 'पर्सनल हेल्थ (PHR) एप्लिकेशन के उपयोग से सक्षम किया जाएगा। ई-अस्पताल को एनएचए के उचित फ्रेमवर्क के साथ भी एकीकृत(integrated) किया जाएगा, ताकि मरीजों को अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड जैसे-प्रिस्क्रिप्शंस, लैब रिपोर्ट, डिस्चार्ज समरीज, वैक्सीनेशन रिकॉर्ड इत्यादि को डिजिलॉकर डाक्यमेंट वॉलेट में स्टोर करने की अनुमति मिल सके।
यह भी पढ़ें
लीवर सिरोसिस है साइलेंट किलर, अंतिम स्टेज में दिखाई देते हैं इसके लक्षण,अनप्रोडेक्टेड Sex समेत छोड़े ये 5 काम
हेपेटाइटिस सी की दवा से हो सकता है मलेरिया का इलाज, JNU में रिसर्च से पता चला बेहद कारगर है यह मेडिसिन