सार
सी प्लेन के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में 8 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रो पैक्स फेरी और टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे। शुक्रवार को सूरत के हजीरा बंदरगाह से भावनगर के घोघा बंदरगाह के बीच इसका ट्रायल किया गया। इस सुविधा के शुरू होने के बाद लोग घोघा से हजीरा तक का सफर जल मार्ग से सिर्फ 4 घंटे में पूरा कर सकेंगे। अभी सड़क मार्ग से इस सफर में 10-12 घंटे का वक्त लगता है।
अहमदाबाद. सी प्लेन के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में 8 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रो पैक्स फेरी और टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे। शुक्रवार को सूरत के हजीरा बंदरगाह से भावनगर के घोघा बंदरगाह के बीच इसका ट्रायल किया गया। इस सुविधा के शुरू होने के बाद लोग घोघा से हजीरा तक का सफर जल मार्ग से सिर्फ 4 घंटे में पूरा कर सकेंगे। अभी सड़क मार्ग से इस सफर में 10-12 घंटे का वक्त लगता है।
रो पैक्स फेरी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय शिपिंग मंत्री मनसुख मांडविया की उपस्थिति में 6 नवंबर को इसका ट्रायल किया गया। पीआईबी के मुताबिक, इसे पीएम मोदी के जलमार्गों को आर्थिक विकास के साथ एकीकृत करने की दृष्टि में बड़ा कदम माना जा रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी इस सुविधा का लाभ लेने वाले स्थानीय लोगों से भी संवाद करेंगे।
25 करोड़ रुपए में बना टर्मिनल
हजीरा में आरओ-पैक्स टर्मिनल का उद्घाटन किया जाएगा। इसकी लंबाई 100 मीटर और चौड़ाई 40 मीटर है। इसे बनाने में 25 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। टर्मिनल में पार्किंग, प्रशासन भवन, सबस्टेशन और वॉटर टॉवर जैसी सुविधाएं हैं।
पोत में हैं तीन डेक
रो-पैक्स फेरी वेसल तीन डेक वाला पोत है। इसमें मैन डेक में 30 ट्रक लादे जा सकते हैं। वहीं, बीच वाले डेक में 100 कारें जबकि सबसे ऊपर 500 यात्री और 34 क्रू मेंबर्स सवार हो सकते हैं। पैसेंजर डेक में अन्य सुविधाएं भी मौजूद हैं। हजीरा-घोघा रो-पैक्स सेवा के कई व्यापक लाभ भी होंगे।
मिलेंगे ये लाभ
रो पैक्स फेरी दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के बीच गेटवे का काम करेगा। इससे हजीरा से घोघा के बीच दूरी 370 किमी से घटकर 90 किमी हो जाएगी। सड़क मार्ग से 10-12 घंटे लगते हैं, यह घटकर 4 घंटे रह जाएंगे। रो फेरी के जरिए रोज करीब 90 हजार लीटर ईंधन भी बचेगा।
दिन में 3 राउंड लगाएगी रो फेरी
रो फेरी दिन में तीन राउंड लगाएगी। इससे सालाना करीब 5 लाख यात्री यात्रा करेंगे। वहीं, करीब 80 हजार यात्री वाहन, 50 हजार दो पहिया वाहन और 30 हजार ट्रक भी ले जाए जाएंगे। इससे ट्रक ड्राइवरों की थकान कम होगी और अतिरिक्त यात्राओं को करके आय में वृद्धि कर सकेंगे। इससे प्रति दिन लगभग 24 मीट्रिक टन और लगभग 8653 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की शुद्ध बचत से CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी।
इन जलमार्ग को भी जोड़ा जाएगा
सूरत के हजीरा बंदरगाह से भावनगर के घोघा बंदरगाह के बीच रो पैक्स फेरी शुरू होने के बाद पीपावाव से सूरत, सूरत से दीव तथा मुंबई से पीपावाव तक के जलमार्ग को भी इसी से जोड़ने की योजना है। राज्य व केंद्र सरकार गुजरात के समुद्र तट को सीधे दक्षिण भारत से जोड़ने की योजना पर भी काम कर रही है।