सार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (13 अक्टूबर) हिमाचल प्रदेश के दौरे पर एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने ऊना रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन दिल्ली से ऊना जिले के तहत आने वाले अंब अंदौरा(Amb Andaura) रेलवे स्टेशन तक चलेगी। ट्रेन बुधवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी।

देहरादून. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने आज (13 अक्टूबर) हिमाचल प्रदेश के दौरे पर ऊना रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर सीएम जयराम ठाकुर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर मौजूद थे। यह ट्रेन दिल्ली से ऊना जिले के तहत आने वाले अंब अंदौरा(Amb Andaura) रेलवे स्टेशन तक चलेगी। ट्रेन बुधवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी। यह अंबाला, चंडीगढ़, आनंदपुर साहिब और ऊना में रुकेगी।

वंदे भारत ट्रेन अन्य ट्रेनों की तुलना में एक उन्नत संस्करण(improved version) है, जो बहुत हल्की है और कम समय में हाईस्पीड से अपने गंतव्य तक पहुंचने में सक्षम है। यह महज 52 सेकेंड में 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है। ट्रेन की शुरुआत से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलने और यात्रा का एक आरामदायक और तेज तरीका प्रदान करने में मदद मिलेगी। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने जा रहे हैं। कुछ समय के अंतराल पर मोदी का यह तीसरा दौरा है। इससे पहले वे 5 अक्टूबर और 24 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आए थे।  जानिए मोदी के कार्यक्रम की पूरी डिटेल्स...

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ऊना में प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम...
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान ने सरकार की विभिन्न नई पहलों के समर्थन के माध्यम से देश को कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाया है। ऐसा ही एक प्रमुख क्षेत्र फार्मास्यूटिकल्स है। इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने के लिए ऊना जिले के हरोली में बल्क ड्रग पार्क बनाया जा रहा है। यह 1900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा। पार्क एपीआई आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। इसमें करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है और 20,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करेगा। यह क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) ऊना का शुभारंभ। इसकी आधारशिला 2017 में प्रधानमंत्री ने रखी थी। वर्तमान में इस संस्थान में 530 से अधिक छात्र अध्ययन कर रहे हैं।

चंबा में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम...
यहां दो पनबिजली परियोजनाओं(hydroelectric projects)- 48 मेगावाट की छंजू-III पनबिजली परियोजना और 30 मेगावाट की देवथल छंजू पनबिजली परियोजना की आधारशिला। इन दोनों परियोजनाओं से सालाना 270 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और इन परियोजनाओं से हिमाचल प्रदेश को लगभग 110 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। राज्य में लगभग 3,125 किलोमीटर सड़कों के अपग्रेडेशन के लिए हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)-III का शुभारंभ। राज्य के 15 सीमावर्ती और दूर-दराज के ब्लॉकों में 440 किलोमीटर सड़कों के अपग्रेडेशन के लिए केन्द्र सरकार ने 420 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत किए हैं।

कांग्रेस ने उठाई मांग-कांगड़ा वैली हेरिटेज लाइन पर ट्रेन सेवाएं बहाल की जाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिमाचल प्रदेश के ऊना से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने से एक दिन पहले कांग्रेस ने बुधवार को कांगड़ा वैली हेरिटेज लाइन( Kangra Valley Heritage Line) पर ट्रेन सेवाओं को तत्काल बहाल करने की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा को हिमाचल प्रदेश के लोगों की जरूरतों की परवाह नहीं है और वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बड़ी परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त है।

यहां जारी एक बयान में कांग्रेस नेता आरएस बाली ने कहा कि भाजपा सरकार ने कांगड़ा के लोगों को मुश्किल में छोड़ दिया है, क्योंकि वह पठानकोट-जोगिंद्रनगर कांगड़ा घाटी विरासत लाइन पर ट्रेन सेवाओं को बहाल करने में विफल रही है, जिसे जुलाई से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि रेलवे अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बोल्डर गिरने और अचानक आई बाढ़ की वजह से इस लाइन पर 14 जुलाई से ट्रेन सेवाएं बंद करनी पड़ी थीं। इसके बाद 31 जुलाई को अचानक आई बाढ़ के कारण डलहौजी रोड और नूरपुर के बीच चक्की नदी पर पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। कांग्रेस नेता बाली ने कहा, "चूंकि पीएम वंदे भारत एक्सप्रेस (गुरुवार को ऊना में ट्रेन) का उद्घाटन करेंगे, इसलिए मैं भाजपा सरकार को याद दिलाना चाहता हूं कि चक्की रेलवे पुल अनिश्चित काल के लिए बंद है। महीनों हो गए हैं और कांगड़ा के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण इस पुल का रिकंस्ट्रक्शन कब होाग, इसके कोई संकेत नहीं हैं।” कांग्रेस नेता ने कहा कि यह रेल सेवा कांगड़ा जिले के सैकड़ों गांवों के लिए जीवन रेखा है, जो ठीक से जुड़े नहीं हैं।  इस ट्रैक पर रोजाना हजारों यात्री ट्रेनों में यात्रा करते थे। इस मार्ग पर लगभग 33 स्टेशन हैं और जिले के कुछ दूरदराज के गांवों में परिवहन का एकमात्र साधन ट्रेन है। 

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