सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वर्ल्ड वॉटर डे पर जल शक्ति अभियान  : 'कैच द रेन' (Jal Shakti Abhiyan:Catch the Rain) अभियान की शुरुआत करेंगे। यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वर्ल्ड वॉटर डे पर जल शक्ति अभियान  : 'कैच द रेन' (Jal Shakti Abhiyan:Catch the Rain) अभियान की शुरुआत करेंगे। यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा। पीएम मोदी की उपस्थिति में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, मध्यप्रदेश के सीएम और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के बीच केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट, नदियों को आपस में जोड़ने के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना का पहला प्रोजेक्ट है। 

 क्या है जल शक्ति अभियान  : 'कैच द रेन' ?
यह अभियान देशभर के ग्रामीण और शहरी इलाकों में शुरू किया जाएगा। इसकी थीम है “catch the rain, where it falls, when it falls यानी बारिश को कैद करो, चाहें जहां और चाहें जब ये गिरे। यह 22 मार्च 2021 से 30 नवंबर, 2021 तक देश में प्री-मानसून और मानसून अवधि के दौरान चलेगा। इसे लोगों की भागीदारी के माध्यम से जमीनी स्तर पर जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन के रूप में लॉन्च किया जाएगा।

इसका उद्देश्य सभी को बारिश के पानी के समुचित भंडारण को सुनिश्चित करने के लिए जलवायु परिस्थितियों और उप-समतल क्षेत्रों के लिए उपयुक्त वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना है।

हर ग्राम पंचायत में होगी ग्राम सभा
इस अभियान के बाद जिले की हर ग्राम पंचायत (चुनाव वाले राज्यों को छोड़कर) में ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इसमें पानी से जुड़े मुद्दों और जल संरक्षण पर चर्चा होगी। इतना ही नहीं ग्राम सभाएं जल संरक्षण के लिए जल शपथ भी लेंगी। 
 
क्या है केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट समझौते में?
यह समझौता पूर्व-प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विजन को लागू करने के लिए अंतर-राज्य सहयोग की शुरुआत को प्रेरित करता है, जिसका उद्देश्य नदियों को जोड़कर पानी को डूब क्षेत्रों से पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पहुंचाना है।

इस परियोजना के तहत दौधन बांध बनाकर केन से बेतवा नदी तक पानी भेजा जाएगा। इसमें दो नदियों को जोड़ने वाली नहर, लोअर ऑयर परियोजना, कोठा बैराज और बीना कॉम्प्लेक्स बहुउद्देशीय परियोजना शामिल है। यह सालाना 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन को सिचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएगा। इसके साथ ही 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। इसके अलावा 103 मेगावॉट हाईड्रोपावर भी जनरेट करेगा। 

इन जिलों को मिलेगा लाभ
इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड में पानी की समस्या से निजात मिलेगा। खासकर पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन, बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर में इस परियोजना का लाभ मिलेगा।