सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) ने 3 नवंबर को देश के 40 कलेक्टरों से Corona Vaccine की स्थिति पर चर्चा करेंगे। यहां वैक्सीनेशन ड्राइव धीमी है। मोदी ने उन्हें कुछ सुझाव दिए।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीन नवंबर को देश के 40 कलेक्टरों से Corona Vaccine की स्थिति पर चर्चा करेंगे। ये जिले झारखंड, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय सहित 11 राज्यों में हैं। यहां वैक्सीनेशन ड्राइव धीमी है। मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये Corona Virus के वैक्सीनेशन की समीक्षा कर रहे थे। बता दें कि यहां वैक्सीनेशन का प्रतिशत 50 से भी कम है। वहीं, सेकंड डोज उससे भी कम। मोदी ने जोर देते हुए कहा-अभी तक आप सभी ने लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और वहां सुरक्षित टीकाकरण के लिए प्रबंध किए। अब हर घर टीका, घर-घर टीका, इस जज्बे के साथ आपको हर घर पहुंचना है।
घर-घर वैक्सीनेशन पर जोर
मोदी ने कहा-अभी तक आप सभी ने लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और वहां सुरक्षित टीकाकरण के लिए प्रबंध किए। अब हर घर टीका, घर-घर टीका, इस जज्बे के साथ आपको हर घर पहुंचना है। लोगों को लगता है कि इतनी भी क्या जल्दी है, लगवा लेंगे; हमें रणनीति बनानी होगी।
सेकंड डोज पर भी ध्यान देना होगा
मोदी ने सलाह दी-हर घर पर दस्तक देते समय, पहली डोज़ के साथ-साथ आप सभी को दूसरी डोज़ पर भी उतना ही ध्यान देना होगा। क्योंकि जब भी संक्रमण के केस कम होने लगते हैं, तो कई बार Urgency वाली भावना कम हो जाती है। आज तक जितनी प्रगति हमने की वह सब आपकी मेहनत से हुई है। लोगों ने दूरदराज के इलाकों में पैदल चलकर वैक्सीन पहुंचाई है लेकिन 1 बिलियन के बाद अगर हम थोड़े भी ढीले पड़ गए तो नया संकट आ सकता है। इसलिए हमारे यहां कहा जाता है कि बीमारी और दुश्मन को कम नहीं आंकना चाहिए।
धर्मगुरुओं से मदद लें
मोदी ने कहा- अभी कुछ दिन पहले मेरी वेटिकन में पोप फ्रांसिस जी से भी मुलाकात हुई थी। वैक्सीन पर धर्मगुरुओं के संदेश को भी हमें जनता तक पहुंचाने पर विशेष जोर देना होगा। अपने जिलों में एक-एक गांव, एक-एक कस्बे के लिए अगर अलग-अलग रणनीति बनानी हो तो वो भी बनाइए। आप क्षेत्र के हिसाब से 20-25 लोगों की टीम बनाकर भी ऐसा कर सकते हैं। जो टीमें आपने बनाई हों, उनमें एक Healthy Competition हो, इसका भी प्रयास कर सकते हैं। सभी धर्मगुरु वैक्सीन के हिमायती हैं। कोई धर्मगुरु वैक्सीन का विरोध नहीं करते हैं। आपके सामने एक चुनौती अफवाह और लोगों में भ्रम की स्थिति भी है। इसका समाधान है कि लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा जागरुक किया जाए। आप धर्मगुरुओं के छोटे वीडियो बनाएं ताकि धर्मगुरु उन्हें समझाएं। मैंने वैक्सीन के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए धर्मगुरुओं से मदद की अपील की थी।
हमने नए-नए समाधान खोजे
मोदी ने कहा-100 साल की इस सबसे बड़ी महामारी में देश ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। कोरोना से देश की लड़ाई में एक खास बात ये भी रही कि हमने नए-नए समाधान खोजे, Innovative तरीके आजमाए। आपको भी अपने जिलों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए नए Innovative तरीकों पर और ज्यादा काम करना होगा।
11 करोड़ लोगों ने नहीं लगवाई सेकंड डोज
देश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 107 करोड़ के पार हो चुका है। लेकिन देश में 11 करोड़ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक सेकंड डोज नहीं ली है। यह देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। केंद्र सरकार का फोकस अब इस पर है। आंकड़े बताते हैं कि 6 सप्ताह से अधिक समय से 3.92 करोड़ से अधिक लाभार्थियों ने दूसरी डोज नहीं ली है। इसी तरह करीब 1.57 करोड़ लोगों ने चार से छह सप्ताह देरी से और 1.5 करोड़ से अधिक ने दो से चार सप्ताह देरी से कोविशील्ड या कोवैक्सिन की अपनी दूसरी डोज नहीं ली है।
32 प्रतिशत वयस्कों को दोनों डोज
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि देश के लगभग 94 करोड़ वयस्कों में से 32 प्रतिशत से अधिक वयस्कों को दोनों खुराक दी गई है। भारत अगले साल के अंत तक दुनिया को महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए 5 अरब से अधिक कोविड वैक्सीन डोज का उत्पादन करने के लिए तैयार है।
देश के 48 जिलों में फोकस
एक रिपोर्ट के अनुसार देश के 48 जिले ऐसे हैं, जहां 18 साल या इससे अधिक उम्र के 50 फीसदी से कम आबादी को कोविड वैक्सीन लग पाया है। अब हर पर स्वास्थ्यकर्मी पहुंचेंगे और वैक्सीन लगाएंगे। 'हर घर दस्तक' (Door step Vaccination) मुहिम के तहत स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीन लगाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने अभियान में दूसरे डोज से वंचित लोगों के साथ ही अबतक एक भी डोज नहीं लगवाने वालों को भी वैक्सीन दिया जाएगा। उन जिलों को फोकस किया जाएगा जहां 50 फीसदी से कम वैक्सीन लग सके हैं।
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