यूट्यूब चैनल “a.sharmaexpress” ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है। दोनों को जेल भेजने का रास्ता साफ हो गया है। PIB ने इन दावों को फर्जी करार दिया है।
PIB Fact Check: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गलत सूचना फैलाने के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने और उन्हें जेल भेजने का फैसला लिए जाने का दावा किया गया। PIB ने फैक्ट चेक कर दावों की पोल खोल दी है।
यूट्यूब चैनल “a.sharmaexpress” ने सनसनीखेज थंबनेल दिखाकर झूठा दावा किया कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। दोनों को जेल भेजा जाएगा। खुद को "अबिसार एक्सप्रेस" बताने वाले चैनल ने दावा किया कि याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गई है। संभव है कि पीएम मोदी की संसदीय सदस्यता रद्द करने और उन्हें पद से हटाने का रास्ता साफ होगा।
यूट्यूब चैनल पर खुद को पत्रकार बताने वाले अभिसार शर्मा ने दावा किया कि पीएम ने महाराष्ट्र के सांगोला में 2020 के ग्राम पंचायत चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था। उन्होंने दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ 100वीं किसान रेल का उद्घाटन किया था। शर्मा ने दावा किया कि CJI (Chief Justice of India) बीआर गवई ने पीएम मोदी के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई का आदेश दिया है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो गई। इससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
PIB ने वायरल दावों को किया खारिज, कहा- फर्जी है
PIB ने दावों को खारिज करते हुए इन्हें "पूरी तरह से फर्जी" करार दिया है। आम लोगों से अपील की है कि इस तरह की बातों से गुमराह न हों। पीआईबी ने कहा, "यह दावा पूरी तरह से फर्जी है। ऐसी कोई एफआईआर, न्यायिक आदेश या प्रवर्तन कार्रवाई नहीं की गई है।"
दूसरे वायरल दावे का खंडन करते हुए, पीआईबी ने स्पष्ट किया कि CJI ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया था। ED (Enforcement Directorate) द्वारा नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के जेल जाने का वायरल दावा पूरी तरह से मनगढ़ंत है।
