सार
अपनी मां का अंतिम संस्कार करने के कुछ ही घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल हुए। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जो प्रधानमंत्री ने ऐसा किया हो।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी भी अपनी निजी या पारिवारिक क्षति की वजह से अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे हैं। शुक्रवार को मां हीराबेन के निधन के बाद पीएम का कर्तव्यपथ पर बढ़ते रहने का दृढ़ संकल्प दिखा। अपनी मां का अंतिम संस्कार करने के कुछ ही घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल हुए। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जो प्रधानमंत्री ने ऐसा किया हो। इसके पहले जब वह बीजेपी के कार्यकर्ता थे तो अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद सीधे अहमदाबाद में एक मीटिंग में भाग लेने पहुंच गए थे।
जब पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद मीटिंग करने पहुंचे थे मोदी
गुजरात बीजेपी के नेता दिलीप त्रिवेदी बताते हैं कि 1989 की बात है जब नरेंद्र मोदी के पिता का निधन हुआ था। उसी दिन अहमदाबाद में एक महत्वपूर्ण मीटिंग थी। मीटिंग के कुछ समय पहले हमने पूछा कि नरेंद्र भाई आए नहीं अभी तक तो पदाधिकारियों ने बताया कि उनके पिता का निधन हुआ है और वह वडनगर गए हुए हैं। हमने सोचा कि पिता के अंतिम संस्कार में गए हैं तो आज तो नहीं आ सकेंगे। लेकिन दोपहर में समय नरेंद्र भाई तो आ गए। हमको भी आश्चर्य हुआ कि पिताजी का देहांत हो गया है और वह तो आ गए हैं। मीटिंग पूरी हुई तो हमने उनसे स्वभाविक रूप से पूछा कि आज ही पिता का देहांत हुआ है और आज आप आ गए। तो उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बैठक थी इसलिए आ गया हूं क्योंकि हमको तो आगे बहुत काम करना है। दिलीप त्रिवेदी कहते हैं कि अपने कार्य के प्रति उनकी कटिबद्धता सभी कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा ही प्रेरणादायी रहा है।
मां के निधन पर भी नहीं रद्द किया कोई कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का 100 साल की उम्र में निधन हो गया। गांधीनगर के सेक्टर 30 में स्थित शमशान घाट पर बेहद सादगी से उनका अंतिम संस्कार किया गया। प्रधानमंत्री ने मुखाग्नि दी। मां के निधन के बाद भी प्रधानमंत्री ने पहले से तय अपने कार्यक्रमों को रद्द नहीं किया। मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल जाने वाले थे। उन्हें कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करना था। मां के निधन के बाद भी उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द नहीं किया है। प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल नहीं गए। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम ने हरी झंडी दिखाकर वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना किया।
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