सार

5 जनवरी को प्रधानमंत्री पंजाब के हुसैनीवाला स्थित शहीद स्मारक जा रहे थे, लेकिन एक फ्लाइओवर पर प्रदर्शनकारियों ने उनका काफिला रोक दिया था। घटना पर ब्रिटिश सिख एसोसिएशन के चेयरमैन लॉर्ड रामी रेंजर ने  कहा कि जो प्रधानमंत्री देश चला रहे हैं, किसी को भी उनके साथ ऐसा करने का अधिकार नहीं है। 

नई दिल्ली। 5 जनवरी को पंजाब के बठिंडा से हुसैनीवाला जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर ब्रिटिश सिख एसोसिएशन ने अपनी बात कही है। उसने घटना की निंदा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आए हैं और वे एक राज्य के नहीं, बल्कि पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं।यह दुखद है कि उनकी सुरक्षा के इतने कमजोर बंदोबस्त किए गए कि भीड़ ने योजनाबद्ध तरीके से प्रधानमंत्री का रास्ता रोका और उन्हें जनसभा में जाने और लोगों के बीच जाकर उनसे बात करने से रोका। पंजाब के लिए मोदी ने जो किया वह किसी पीएम ने नहीं किया।

उन्होंने कहा - असल में मोदी का पंजाब दौरा पूरा देश देखना चाहता था। लोगों को यह इंतजार था कि पंजाब के लोगों को प्रधानमंत्री क्या संदेश देने आए हैं। एसोसिएशन ने कहा है कि किसी भी प्रधानमंत्री ने पंजाब के लिए वो नहीं किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए करतारपुर कॉरिडोर खुलवाया। उन्होंने अपने दायरे से बाहर जाकर सिख गुरुओं की शिक्षा और जीवन को दुनियाभर में पहुंचाया।

कृषि कानून खत्म करने पर पीएम के प्रति दिखाना था सम्मान
एसोसिएशन के चेयरमैन लॉर्ड रामी रेंजर ने कहा- मैं बताना चाहूंगा कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुनानक देव की जयंती के मौके पर पंजाब के किसानों का सम्मान करते हुए तीन कृषि कानून खत्म करने का निर्णय लिया। संसद से इन्हें खत्म कराया। पंजाब के लोगों को इन कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए। जिन लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को रोकने की कोशिश की बाद में उन्हें यह अहसास हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी पंजाब के लोगों और भी कई सौगातें देने आए थे। पीएम के दौरे रुकावट डालकर उन्होंने पूरे पंजाब के विकास को रोका है। 

पंजाब को केंद्र की इसलिए जरूरत 
सबसे बड़ी बात है कि प्रधानमंत्री संसद में अपनी ताकत के लिए पंजाब पर निर्भर नहीं हैं। लेकिन, पंजाब का विकास जरूर प्रधानमंत्री पर निर्भर है। सीमावर्ती राज्य होने के कारण पंजाब को आतंकवाद से लड़ाई और अन्य मुद्दों के लिए केंद्र सरकार की बहुत सख्त जरूरत है। लेकिन पंजाब के लोगों ने सिख गुरुओं और प्रधानमंत्री के प्रति अपना सम्मान दिखाने का एक अच्छा अवसर खो दिया।