सार

वैक्सीन को लेकर नेताओं और कथित धर्मगुरुओं के जो बयान सामने आए हैं, वे चौंकाते हैं। किसी ने कहा कि वैक्सीन में सुअर की चर्बी है, तो किसी ने इसे बीजेपी का बताया। किसी ने अफवाह फैला दी कि इससे नपुंसक हो जाएंगे।  वैसे बता दें कि 10 दिन में वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। अब जिसे लगवाना है, लगवाएं!

भोपाल, मध्य प्रदेश (कार्टूनिस्ट हरिओम तिवारी). दुनियाभर में हाहाकार मचाने वाले कोरोना को लेकर जारी लड़ाई अब अपने आखिरी पड़ाव में पहुंचने वाली है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा था कि वैक्सीनेशन के ड्राई रन के आधार पर जो डेटा मिला है, उसे देखते हुए सरकार अगले 10 दिनों में वैक्सीनेशन शुरू कर सकती है। लेकिन इससे पहले ही वैक्सीन को लेकर राजनीति मच गई है। वैक्सीन को लेकर ऐसे-ऐसे बयान आ रहे हैं कि तौबा-तौबा।

कैसे-कैसे लोग

हाल में एक नेता ने बयान दिया था। इसमें कहा था कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, क्योंकि वैक्सीन बीजेपी की है। नेताजी ने यहां तक कहा था कि जब उनकी सरकार बनेगी, तब वे वैक्सीन लगवाएंगे। हालांकि उनका यह बयान फजीहत का कारण बन गया। यह और बात है कि कुछ नेता वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे सबसे पहले आकर कोरोना से मुक्ति पाएं। वहीं, कुछ नेता वैक्सीन के बहाने केंद्र सरकार को 'डोज' देने के बहाने ढूंढ़ रहे हैं।

अगर आप भूल चुके हैं, तो याद दिला दें कि एक मौलाना साहिब ने वैक्सीन को लेकर फतवा जारी किया था। इसमें मुसलमानों से वैक्सीन नहीं लगवाने को कहा था। इन मौलाना साहिब का तर्क है कि वैक्सीन में सुअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। अब इन्हें कौन समझाता? हालांकि इनकी बात को किसी ने तवज्जो नहीं दी, क्योंकि जब सिर पर मौत मंडरा रही हो, तब इन सब बातों को कौन सुनना चाहेगा?  इधर, एक प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दरियादिली दिखाई है। उन्होंने पहले वैक्सीन नहीं लगवाने का ऐलान किया है। उनका तर्क यह है कि वैक्सीन पर पहला हक जनता का है। हो सकता है कि उन्होंने सोचा हो कि पहले वैक्सीन के साइड इफेक्ट देख लिए जाएं।

भारत में कोरोना का हाल...
बता दें कि देश में अब तक 1.03 करोड़ केस सामने आ चुके हैं। हालांकि यह अच्छी बात है कि इसमें से करीब एक करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं। यानी 99.96 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। 2.24 लाख ही एक्टिव केस बचे हैं। covid19india.org के आंकड़े बताते हैं कि देश में 1.50 लाख संक्रमितों को अपनी जान गंवानी पड़ी। बहरहाल, वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी हासिल करने वाली दोनों कंपनियां सीरम और भारत बायोटेक अपनी पुरानी कहासुनी को भुलाकर देश के लिए एकजुट होकर काम करने पर राजी हो गई हैं।