सार
राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के लिए सभी मतदान केंद्र पर आयोग द्वारा मतदाताओं को पेन दिया जाएगा। अगर किसी ने किसी और पेन का इस्तेमाल किया तो उसका वोट रद्द हो जाएगा। हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया। 18 जुलाई को मतदान होगा और 21 जुलाई को रिजल्ट आएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मतदान के दौरान पालन किए जाने वाली प्रक्रियाओं की जानकारी दी।
राजीव कुमार ने बताया कि मतदाताओं को वोट डालते समय सिर्फ चुनाव आयोग द्वारा दिए गए पेन का ही इस्तेमाल करना होगा। सभी मतदान केंद्र पर आयोग द्वारा मतदाताओं को पेन दिया जाएगा। अगर किसी ने किसी और पेन का इस्तेमाल किया तो उसका वोट रद्द हो जाएगा। 776 सांसद और 4033 विधायक वोट देंगे। मतदान पूरी तरह से गुप्त होगा। कोई भी पार्टी अपने सांसदों और विधायकों के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकती।
ऐसे करना होगा मतदान
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदाता बैलेट पेपर पर अपनी पसंद अंकों के क्रम में बताएंगे। उन्हें अपने पसंद के उम्मीदवार 1, 2, 3 के क्रम में बताने होंगे। इसके लिए सिर्फ अंक लिखने होंगे। अगर किसी ने शब्दों में एक, दो और तीन लिखा तो उसका वोट रद्द हो जाएगा। मतदाता रोमन में I,II, या III लिख सकता है। इसके साथ ही वह अन्य मान्यता प्राप्त भारतीय भाषाओं के अंकों में भी अपनी पसंद बता सकता है।
वरीयता अधिकतम उतनी भी लिखनी है, जितनी उम्मीदवारों की संख्या है। अगर किसी ने उम्मीदवारों को दूसरी और तीसरी वरियता दी और पहली वरीयता किसी भी प्रत्याशी को नहीं दी तो उसका वोट रद्द हो जाएगा। हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
ऐसे होगी वोटिंग
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग सांसद या विधायक के चुनाव से अलग होती है। सांसद या विधायक को वोट देते समय मतदाता सिर्फ एक प्रत्याशी को चुनता है। राष्ट्रपति चुनाव में वोटर प्रत्याशियों को अपने पसंद के क्रम के अनुसार चुनता है। अगर तीन प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं तो मतदाता अपने सबसे पसंदीदा उम्मीदवार को पहला नंबर देगा। इसके बाद वह अपनी पसंद के अनुसार बाकि उम्मीदवारों को दूसरे और तीसरे नंबर रखेगा।
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वोटों की गिनती के समय अगर पहली पसंद वाले वोटों से विजेता का फैसला नहीं होता तो दूसरी पसंद के वोटों की गिनती होती है। इसे नए सिंगल वोट की तरह ट्रांसफर किया जाता है। इसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट कहा जाता है। जिस उम्मीदवार को 50 फीसदी से अधिक वोट मिलते हैं, उसे विजेता घोषित किया जाता है।