सार

तमिलनाडु के नमक्कल जिले के एक मंदिर के बाहर काला जादू के नाम पर पुजारी ने महिलाओं को चाबुक से मारा। सैकड़ों लोग इस अनुष्ठान को देखने के लिए जुटे थे। एक तरफ महिलाएं दर्द के मारे तड़प रही थीं। वहीं, दूसरी ओर लोग और मारो..और मारो.. चिल्ला रहे थे।

चेन्नई। दुनिया आज भले सूचना क्रांति के दौर में जी रही है, लेकिन समाज का एक बड़ा हिस्सा अभी भी अंधविश्वास की जकड़न से आजाद नहीं हुआ है। तमिलनाडु के नमक्कल जिले से भी एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। यहां हाथ जोड़े खड़ी महिलाओं पर पुजारी ने चाबुक बरसाए। 

महिलाएं दर्द से तड़पती रहीं, चीखती रहीं, लेकिन पुजारी के हाथ नहीं रुके। वह लगातार महिला को चाबुक से मारता रहा। एक महिला को पीटने के बाद वह उसके ठीक पीछे खड़ी दूसरी महिला के पास जाता और उसपर भी चाबुक की बरसात कर देता। ऐसा काफी देर तक हुआ।
इस दौरान सैकड़ों की संख्या में जुटे लोग तमाशा देखते रहे। 

काला जादू के नाम पर हुई महिलाओं की पिटाई
यह सब काला जादू के नाम पर किया गया। कहा गया कि महिलाएं काले जादू से शापित हैं। इससे मुक्ति के लिए एक मात्र उपाए पुजारी की चाबुक की चोट है। यह अजीबो-गरीब अनुष्ठान नारायणीनार गांव में वरदराजपेरुमल चेल्लियाम्मन मरिअम्मन मंदिर के बाहर किया गया। पुजारी ने काला कपड़ा पहन रखा था और अपने चेहरे पर काला रंग पोत रखा था। इन अनुष्ठान का आयोजन 20 साल बाद किया गया। दो गुटों में झड़प के चलते 20 साल से यह अनुष्ठान बंद था।  

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एक महीने चलता है उत्सव
इस अनुष्ठान का नाम कातेरी है। मान्यता यह है कि पुजारी उन महिलाओं पर प्रहार करेगा जिन पर "काले जादू से शापित" होने का संदेह है। अनुष्ठान का एक वीडियो सामने आया है। इसमें एक पुजारी को महिलाओं को मारते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान अनुष्ठान देख रहे लोग उत्साह में सीटी बजा रहे थे। भीड़ में शामिल लोग "पोडु .. पोडु .. (और मारो..और मारो..)" कह रहे थे। अनुष्ठान में आसपास के 18 गांवों के लोगों ने भाग लिया। स्थानीय लोगों का मानना है कि अनुष्ठान के चलते उनके साथ बहुत कुछ अच्छा होगा। यह उत्सव एक महीने तक चलता है। यह 29 अप्रैल को शुरू हुआ और 30 मई को समाप्त होगा।

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