सार
बुधवार को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की 130वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन से शिक्षा और आदर्श ग्रहण करने का संकल्प दुहराया। वहीं, समाज से कटे लोगों को मुख्यधारा में लाने की मिसाल बनाने की बात भी कही।
नई दिल्ली. भारतीय संविधान में सबको बराबरी का हक दिलवाने वाले और समाज के सबसे निचले तबके के उत्थान के लिए काम करने वाले डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की बुधवार को 130वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन से शिक्षा और आदर्श ग्रहण करने का संकल्प दुहराया। वहीं, समाज से कटे लोगों को मुख्यधारा में लाने की मिसाल बनाने की बात भी कही।
जानें किसने क्या कहा...
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा-भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पी, बाबासाहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि! डॉ.अंबेडकर ने समतामूलक न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। आज हम उनके जीवन तथा विचारों से शिक्षा ग्रहण करके उनके आदर्शों को अपने आचरण में ढालने का संकल्प लें।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा।
- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर मैं उन्हें सादर नमन करता हूं। संविधान निर्माता के रूप मे उनका जो योगदान है उसका यह देश हमेशा ऋणी रहेगा। आधुनिक भारत की नींव तैयार करने में उनकी महती भूमिका रही है। बाबासाहेब की प्रेरणा से उसी नींव पर हम नए भारत का निर्माण कर रहे हैं।
- बसपा प्रमुख मायावती ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा-मैं बाबासाहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती पर केंद्र और राज्य सरकारों से अनुरोध करती हूं कि वो आज पूरे देश में गरीब और जरूरत मंद लोगों को वैक्सीन मुफ़्त में लगाने का निर्णय लें और ऐलान करें।
यह भी जानें...
बाबा साहेब का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था। वे एक भारतीय न्यायविद्, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। बाबा साहेब ने अछूतों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया। महिलाओं और श्रमिकों को उनका हक दिलाने लंबी लड़ाई लड़ी। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया था। उन्हें 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पी, बाबासाहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि! डॉ.अंबेडकर ने समतामूलक न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। आज हम उनके जीवन तथा विचारों से शिक्षा ग्रहण करके उनके आदर्शों को अपने आचरण में ढालने का संकल्प लें: राष्ट्रपति pic.twitter.com/erOWCrVPzt
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर मैं उन्हें सादर नमन करता हूँ। संविधान निर्माता के रूप मे उनका जो योगदान है उसका यह देश हमेशा ऋणी रहेगा। आधुनिक भारत की नींव तैयार करने में उनकी महती भूमिका रही है। बाबासाहेब की प्रेरणा से उसी नींव पर हम नए भारत का निर्माण कर रहे हैं।
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर मैं उन्हें सादर नमन करता हूँ। संविधान निर्माता के रूप मे उनका जो योगदान है उसका यह देश हमेशा ऋणी रहेगा। आधुनिक भारत की नींव तैयार करने में उनकी महती भूमिका रही है। बाबासाहेब की प्रेरणा से उसी नींव पर हम नए भारत का निर्माण कर रहे हैं।