सार
पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, मैं भारत-जापान संवाद को निरंतर समर्थन के लिए जापान सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा। इस मंच ने भगवान बुद्ध के विचारों और आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किया है, खासकर युवाओं में। ऐतिहासिक रूप से बुद्ध के संदेश की रोशनी भारत से दुनिया के कई हिस्सों में फैली।
नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, मैं भारत-जापान संवाद को निरंतर समर्थन के लिए जापान सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा। इस मंच ने भगवान बुद्ध के विचारों और आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किया है, खासकर युवाओं में। ऐतिहासिक रूप से बुद्ध के संदेश की रोशनी भारत से दुनिया के कई हिस्सों में फैली।
"भारत से दुनिया के कई हिस्सों में फैला बुद्ध का संदेश"
उन्होंने कहा, ऐतिहासिक रूप से बुद्ध के संदेशों की रोशनी भारत से दुनिया के कई हिस्सों में फैली। हालांकि ये रोशनी स्थिर नहीं रही, सदियों से हर नए स्थान जहां बुद्ध के विचार पहुंचे वो विकसित होते रहे।
बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के लिए पुस्तकालय का प्रस्ताव
पीएम ने कहा, आज मैं पारंपरिक बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के एक पुस्तकालय का निर्माण प्रस्तावित करना चाहूंगा। हमें भारत में इस तरह की फैसिलिटी बनाने में खुशी होगी और हम इसके लिए उपयुक्त संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
"लाइब्रेरी में दुनियाभर के बौद्ध साहित्य का डिजिटल संग्रह होगा"
उन्होंने कहा, लाइब्रेरी में दुनियाभर के बौद्ध साहित्य का डिजिटल संग्रह होगा। इन साहित्यों को ट्रांसलेट किया जाएगा और सभी भिक्षुओं को उपलब्ध कराया जाएगा। पीएम ने कहा, लाइब्रेरी सिर्फ साहित्य का खजाना ही नहीं होगी, बल्कि रिसर्च और चर्चा का प्लैटफॉर्म भी होगी। इससे इंसानों, समाज और प्रकृति के साथ वास्तविक संवाद होगा।