सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की 3 दिवसीय यात्रा के बाद भारत लौट आए हैं। स्वदेश लौटते ही देश से जुड़े मुद्दों और समस्याओं के समाधान पर फोकस होगा। भारत सरकार के स्रोत(GoI sources) अनुसार PM मानसून सीजन के अलावा अन्य विषयों पर केंद्रित होंगे।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की 3 दिवसीय यात्रा के बाद भारत लौट आए हैं। स्वदेश आते ही वे कई बैठक करेंगे। भारत सरकार के स्रोत(GoI sources) अनुसार PM मानसून सीजन, हीट वेव के अलावा अन्य विषयों पर केंद्रित होंगे। मोदी दिन में 7-8 बैठकें करेंगे। बता दें मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि ओडिशा में अगले 4 दिनों में एक चक्रवात आ सकता है। पांच मई तक सिस्टम डीप डिप्रेशन बन सकता है। 6 मई को तूफान सक्रिय हो सकता है। श्रीलंका ने इसे असानी नाम दिया है। इसके मायने प्रकोप है। तूफान का पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, झारखंड, उत्तर पूर्व के राज्यों में असर हो सकता है।अपने यूरोप दौरे के आखिरी दिन मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) से मुलाकात की थी। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने मैक्रों को फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में दोबारा चुने जाने पर बधाई दी।

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दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में मोदी बोले
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन(2nd India-Nordic Summit) में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन, आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री श्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलीना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री सना मारिन के साथ भाग लिया।  इस शिखर सम्मेलन ने 2018 में स्टॉकहोम में आयोजित पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से भारत-नॉर्डिक संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करने का अवसर मिला। महामारी के बाद आर्थिक सुधार (रिकवरी), जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, नवाचार, डिजिटलीकरण और हरित एवं स्वच्छ विकास आदि क्षेत्रों में बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई। स्थायी महासागर प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए समुद्री क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने नॉर्डिक कंपनियों को विशेष रूप से भारत की सागरमाला परियोजना समेत जल से जुड़ी (ब्लू इकॉनमी) अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। आर्कटिक क्षेत्र में नॉर्डिक क्षेत्र के साथ भारत की साझेदारी पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आर्कटिक नीति, आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग के विस्तार के लिए एक अच्छी रूपरेखा प्रस्तुत करती है। (PIB से साभार)

3 दिन में 3 देशों में करीब 18 समझौतों पर मुहर
अपने दौरे के पहले दिन मोदी सोमवार को बर्लिन पहुंचे थे। यहां चांसलर ओलाफ शूल्ज से द्वपक्षीय वार्ता के बाद वे 6वें भारतीय-जर्मनी 6वें अंतर सरकारी परामर्श में शामिल हुए थे। इस दौरान भारत और जर्मनी के बीच कुल 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचे। यहां वे अपने समकक्ष मेट फ्रेड्रिकसन से मिले।  दोनों देशों के बीच करीब 9 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। 

तीसरा दिन पीएम मोदी दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। यहां नॉर्डिक कंपनियों को विशेष रूप से भारत की सागरमाला परियोजना समेत जल से जुड़ी (ब्लू इकॉनमी) अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया। 

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