सार
कोरोना के खिलाफ जारी जंग और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार की सुबह 10 बजे एक बार फिर देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए 3 मई तक लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया है।
नई दिल्ली. कोरोना के खिलाफ जारी जंग और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार की सुबह 10 बजे एक बार फिर देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया है। देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की लड़ाई बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। देशवासियों के मदद से भारत कोरोना से होने वाले नुकसान को टालने में सहयोग दिया है।
पीएम मोदी का संबोधन-
पीएम मोदी का संबोधन-
- कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। सभी देशवासियों की तपस्या और त्याग की वजह से भारत अब तक कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा। आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश और भारत वर्ष को बचाया है। मैं जानता हूं कि आपको कितनी दिक्कतें आई हैं। किसी को आने जाने की परेशानी, कोई घर-परिवार से दूर है। आप आप देश की खातिर, एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं।
- हमारे संविधान में जिस वी द पीपल ऑफ इंडिया की शक्ति की बात कही गई है,वो यही तो है। बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव आंबेडकर की जन्म जयंती पर, हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन, ये संकल्प, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
- देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहारों का भी समय है। वैसे भी भारत उत्सवों से हरा-भरा रहता है। उत्सवों के बीच खिलखिलाता रहता है। बैसाखी जैसे त्योहारों के साथ कई राज्यों में नए वर्ष की शुरुआत हुई है। लॉकडाउन के इस समय में देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रहकर त्योहार मना रहे हैं, वो बहुत प्रशंसनीय है।
- आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, आप उसे भली-भांति जानते हैं। अन्य देशों के मुकाबले, भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए,आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी। जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के मरीज 100 तक पहुंचे, उससे पहले ही भारत ने विदेश से आए हर यात्री के लिए 14 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया था। मॉल, थिएटर, क्लब, जिम बंद किए जा चुके थे।
- जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने, समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया,बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, उसे, तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया ।
- भारत ने हॉलिस्टिक अप्रोच न अपनाई होती, इंटीग्रेटेड अप्रोच न अपनाई होती, तेज फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्थिति कुछ और होती। लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, वो सही है।
- भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब आगे कैसे बढ़े,इसे लेकर मैंने राज्यों के साथ निरंतर बात की है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो अभी ये मंहगा जरूर लगता है लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे, इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच,भारत जिस मार्ग पर चला है,उस मार्ग की चर्चा आज दुनिया भर में हो रही है।
- सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। इन सब प्रयासों के बीच, कोरोना जिस तरह फैल रहा है, उसने विश्व भर में हेल्थ एक्सपर्ट्स और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है।
- यानि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है,जैसे हम करते आ रहे हैं। सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं।
- मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। इसलिए हमें हॉटस्पॉट को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना,हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा।
- अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे,हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा।जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो Hotspot में नहीं होंगे, और जिनके Hotspot में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है
- न खुद कोई लापरवाही करनी है और न ही किसी और को लापरवाही करने देना है। कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो मेरा परिवार हैं। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक, इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है।
- अब नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर,
- प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है।
- भारत में आज हम एक लाख से अधिक Beds की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है।
- आज भारत के पास भले सीमित संसाधन हों, लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण के लिए, मानव कल्याण के लिए, आगे आएं, कोरोना की वैक्सीन बनाने का बीड़ा उठाएं। हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे। इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज 7 बातों में आपका साथ मांग रहा हूं।
मोदी ने देश से मांगे 7 वचन
- पहली बात- अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो। उनकी हमें एक्स्ट्रा केयर करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
- दूसरी बात- लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
- तीसरी बात- अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें।
- चौथी बात-कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल-एप जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस एप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।
- पांचवी बात- जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें।
- छठी बात- आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें।
- सातवीं बात- देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।
राज्यों ने बढ़ाया लॉकडाउन
बिना केंद्र के निर्देश का इंतजार किए 8 राज्य लॉकडाउन की मियाद पहले ही 30 अप्रैल तक बढ़ा चुके हैं। इसमें पंजाब, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु शामिल हैं। बताया जा रहा है कि 15 दिनों के लिए लॉकडाउन और बढ़ाया जा सकता है।
बेरोजगारी 23 फीसद पर पहुंच चुकी है
21 दिन के लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। सीएमआईई की रिपोर्ट कहती है कि बेरोजगारी 23 फीसदी पर पहुंच चुकी है, जबकि 8 फीसदी पर ही 45 साल का रिकॉर्ड टूट गया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री कृषि के साथ-साथ कारखानों और माल के ट्रांसपोर्ट को छूट दे सकते हैं।
कोरोना को लेकर तीन बार देश को कर चुके हैं संबोधित
19 मार्चः प्रधानमंत्री ने 19 मार्च को देश को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही थी। इस दिन देशभर में सबकुछ बंद रहा। शाम को लोगों ने घरों के अंदर से ही कोरोना फाइटर्स का ताली और थाली बजाकर आभार जताया था। पीएम ने साफ किया था कि जनता द्वारा जनता पर ही कर्फ्यू
24 मार्चः पीएम मोदी ने 24 मार्च को कोरोना को लेकर दूसरी बार देश को संबोधित किया और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लोग घरों में रहने की लक्ष्मण रेखा का पालन करें।
3 अप्रैलः प्रधानमंत्री मोदी ने 3 अप्रैल को एक वीडियो संदेश जारी किया था। इसमें लोगों से 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद कर दीये, मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता दिखाने की अपील की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जान है जहान है और दोनों को बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी है।
बिना केंद्र के निर्देश का इंतजार किए 8 राज्य लॉकडाउन की मियाद पहले ही 30 अप्रैल तक बढ़ा चुके हैं। इसमें पंजाब, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु शामिल हैं। बताया जा रहा है कि 15 दिनों के लिए लॉकडाउन और बढ़ाया जा सकता है।
बेरोजगारी 23 फीसद पर पहुंच चुकी है
21 दिन के लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। सीएमआईई की रिपोर्ट कहती है कि बेरोजगारी 23 फीसदी पर पहुंच चुकी है, जबकि 8 फीसदी पर ही 45 साल का रिकॉर्ड टूट गया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री कृषि के साथ-साथ कारखानों और माल के ट्रांसपोर्ट को छूट दे सकते हैं।
कोरोना को लेकर तीन बार देश को कर चुके हैं संबोधित
19 मार्चः प्रधानमंत्री ने 19 मार्च को देश को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही थी। इस दिन देशभर में सबकुछ बंद रहा। शाम को लोगों ने घरों के अंदर से ही कोरोना फाइटर्स का ताली और थाली बजाकर आभार जताया था। पीएम ने साफ किया था कि जनता द्वारा जनता पर ही कर्फ्यू
24 मार्चः पीएम मोदी ने 24 मार्च को कोरोना को लेकर दूसरी बार देश को संबोधित किया और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लोग घरों में रहने की लक्ष्मण रेखा का पालन करें।
3 अप्रैलः प्रधानमंत्री मोदी ने 3 अप्रैल को एक वीडियो संदेश जारी किया था। इसमें लोगों से 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद कर दीये, मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता दिखाने की अपील की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जान है जहान है और दोनों को बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी है।