सार
अब तक दिल्ली सरकार दूसरे राज्यों में विज्ञापन छापने के मामले में निशाने पर थी। अब पंजाब सरकार भी इसी मुद्दे को लेकर घिरी है। पंजाब पर सवाल इसलिए ज्यादा उठ रहे हैं, क्योंकि इस राज्य पर देश में सबसे ज्यादा कर्ज है।
नई दिल्ली। श्रीलंका की हालत दुनिया से छिपी नहीं है। जीडीपी का 104 फीसदी तक कर्ज लेेने से दीवालिया जैसी स्थिति में पहुंचे इस देश की हालत देख दूसरे देश भी टेंशन में हैं। लेकिन भारत के राज्य अभी बेफिक्री में हैं। सबसे ज्यादा बेफिक्री सबसे ज्यादा कर्ज में डूबे राज्य में नजर आ रही है। यह राज्य है पंजाब। इस राज्य पर जीडीपी का 53.3 फीसदी तक कर्ज है, बावजूद इसके हर 5 मिनट में नेशनल टीवी चैनलों में पंजाब सरकार के विज्ञापन नजर आ रहे हैं। अर्थशास्त्रियों ने इस पर चिंता जताई है।
हर 5 मिनट में टीवी ऐड झकझोरने वाला
इकोनॉमिस्ट प्रोफेसर शमिका रवि (Prof Shamika Ravi) ने भी पंजाब में नई बनी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा - भारी सार्वजनिक ऋण स्तर (53.3%) के बाजवूद हर 5 मिनट में राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर पंजाब सरकार के विज्ञापनों को देखना झकझोर देने वाला है! शमिका के ट्वीट पर लेाग तरह-तरह की टिप्पणियां भी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि फ्री की योजनाओं के नाम पर चुनाव जीतो। सरकार बनने के बाद जनता के पैसे का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए करो। फिर मुफ्त में सब कुछ देने के लिए केंद्र से भीख मांगो। सरकारें बस यही दोहरा रही हैं।
क्यों उठ रहे सवाल
दरअसल, आम आदमी पार्टी गुजरात, मध्प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कदम बढ़ा रही है। अब तक दिल्ली सरकार के विज्ञापन दिल्ली के अलावा दूसरे प्रदेशों के अखबारों और राष्ट्रीय टीवी चैनलों में चल रहे थे। अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से पंजाब सरकार राष्ट्रीय चैनलों पर अपने विज्ञापनों के जरिये पार्टी की छवि बेहतर बनाने की कोशिश में लगी है। गुजरात चुनावों के चलते पार्टी का वहां फोकस है। आज (14 अप्रैल 2022) को गुजरात के अखबारों में दो-दो पेज विज्ञापन छापे गए। लोगों का कहना है कि गुजरात में इतना पैसा खर्च करने की क्या जरूरत है।
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राज्यों पर जीडीपी का 50 फीसदी तक कर्ज
पंजाब विधानसभा चुनाव के समय दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 200 यूनिट फ्री बिजली वाले वादे के बाद कहा था... पैसा बहुत है जी! लेकिन वास्तव में हालात बेहद खराब हैं। पंजाब की बात करें तो उस पर जीडीपी का तकरीबन 53.3 प्रतिशत हिस्सा कर्ज है। यह देश में सबसे अधिक है। कांग्रेस शासित राजस्थान पर 39.8 फीसदी तो पश्चिम बंगाल 38.8 फीसदी के कर्ज में डूबे हैं। केरल पर भी जीडीपी का 38.3 फीसदी कर्ज है, जबकि आंध्र प्रदेश में 37.6 फीसदी कर्ज है।
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