भारत-रूस समिट में आखिर कौन-सी ऐसी रणनीतिक घोषणाएं होने वाली हैं जो एशिया की पावर डायनमिक्स को बदल सकती हैं? क्या पुतिन-मोदी मीटिंग में डिफेंस, एनर्जी और करेंसी सिस्टम पर ऐतिहासिक फैसले होंगे? यह दौरा कई बड़े सवालों को जन्म देता है।
नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच पुराने और मजबूत संबंध दुनिया जानती है, लेकिन इस बार हालात पहले जैसे नहीं हैं। यूक्रेन युद्ध, बदलती वैश्विक राजनीति, डिफेंस डील्स और भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय भूमिका-इन सबके बीच रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा काफी मायने रख्रता है। 2022 में यूक्रेन विवाद शुरू होने के बाद यह उनका पहला भारत दौरा है।पुतिन इस दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वीं बाइलेटरल समिट करेंगे। यह समिट न सिर्फ डिफेंस बल्कि एनर्जी, ट्रेड, टेक्नोलॉजी और करेंसी सेटलमेंट सिस्टम पर भी बड़े फैसलों की उम्मीद जगाती है। ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या यह विज़िट सिर्फ औपचारिक है या इसके पीछे कोई बड़ी स्ट्रेटेजिक चाल छुपी है?
क्या इस दौरे में डिफेंस और एनर्जी सेक्टर में बड़ी डील लॉक होगी?
रूस भारत का सबसे पुराना डिफेंस पार्टनर है, लेकिन पिछले कुछ सालों में भारत ने फ्रांस, अमेरिका और इजरायल जैसे देशों के साथ भी डील्स बढ़ाई हैं। एनर्जी सेक्टर में भी रूस भारत का बड़ा सप्लायर बन चुका है। तेल और गैस पर नई साझेदारी की चर्चाएं पहले से चल रही हैं।
पुतिन का पूरा शेड्यूल: दो दिनों में इतनी बड़ी मीटिंग्स क्यों?
4 दिसंबर: नई दिल्ली पहुंचते ही निजी मुलाकात
पुतिन 4 दिसंबर की शाम दिल्ली पहुंचेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी शाम को 7 बजे 7 लोक कल्याण मार्ग पर उनके सम्मान में एक प्राइवेट डिनर होस्ट करेंगे। माना जा रहा है कि इस निजी मुलाकात में दोनों नेता सबसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
5 दिसंबर: भव्य स्वागत और महत्वपूर्ण समारोह
- सुबह 9 बजे राष्ट्रपति भवन में पुतिन का सेरेमोनियल वेलकम होगा। इसके बाद वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे।
हैदराबाद हाउस में 23वीं इंडिया-रूस समिट
- सुबह 11 बजे: दोनों नेता हैदराबाद हाउस में औपचारिक बातचीत करेंगे। उम्मीद है कि इस दौरान डिफेंस, ट्रेड, स्पेस, डिजिटल टेक्नोलॉजी और रणनीतिक साझेदारी को लेकर कई घोषणाएं होंगी। बातचीत के बाद दोनों देश एक संयुक्त बयान भी जारी करेंगे।
- शाम 4 बजे: बिजनेस फोरम मीटिंग: पुतिन और मोदी इंडिया-रूस बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे। यहां दोनों देश आपसी व्यापार को अगले स्तर तक ले जाने पर चर्चा करेंगे।
- रात 7 बजे: स्टेट बैंक्वेट: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के सम्मान में स्टेट बैंक्वेट देंगी। इसके बाद पुतिन रात देर से भारत से रवाना होंगे।
क्या करेंसी सेटलमेंट सिस्टम में बड़ा बदलाव होने वाला है?
भारत और रूस दोनों ही चाहते हैं कि व्यापार डॉलर पर निर्भर हुए बिना बढ़े। ऐसे में क्या इस विज़िट के दौरान रुपया–रूबल ट्रेड सिस्टम को लेकर बड़ा फैसला सामने आएगा? यह सवाल अभी भी चर्चा में है और इस दौरे की सबसे महत्वपूर्ण संभावनाओं में से एक माना जा रहा है।

