राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर चुनावों में भाजपा के साथ मिलकर धांधली करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि वोटर लिस्ट में हजारों फर्जी नाम हैं। फर्जी पते वाले नाम हैं।
Rahul Gandhi attack on Election Commission: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग (EC) पर तीखा हमला बोला। आरोप लगाया कि आयोग ने देश में लोकसभा चुनावों में धांधली करने के लिए भाजपा के साथ मिलीभगत की। मतदाता सूचियों में फर्जी लोगों के नाम जोड़े। उन्होंने कर्नाटक की मतदाता सूची दिखाकर अपनी बात की पुष्टि करने की कोशिश की।
राहुल गांधी ने दावा किया कि बेंगलुरू सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 6.5 लाख वोटों में से 1 लाख से अधिक वोटों की चोरी हुई। उन्होंने कहा, "कांग्रेस द्वारा किए गए एक आंतरिक शोध में कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में 1 लाख से अधिक फर्जी मतदाता मिले।"
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बेंगलुरु सेंट्रल में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। कांग्रेस उम्मीदवार मंसूर अली खान ने मतगणना के अधिकांश समय बढ़त बनाए रखी, लेकिन अंतिम नतीजों में भाजपा के पीसी मोहन को 32,707 वोटों के अंतर से जीत मिली थी।
चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में नहीं दिया वोटर लिस्ट
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में उपलब्ध न कराने पर भी संदेह जताया। कहा कि ऐसा करने से 30 सेकंड के भीतर ही आयोग की "धोखाधड़ी" उजागर हो जाएगी। उन्होंने कहा, "यहां एक चुनौती है। यह सात फीट का कागज है। अगर मुझे यह पता लगाना है कि आपने दो बार वोट दिया है या आपका नाम मतदाता सूची में दो बार है तो मुझे आपकी तस्वीर लेनी होगी और फिर कागज के हर टुकड़े से उसका मिलान करना होगा। यह बहुत ही थकाऊ प्रक्रिया है।"
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग जानबूझकर "मशीन से पढ़े न जा सकने वाले कागजात" उपलब्ध करा रहा है ताकि राजनीतिक दलों को वोटर डेटा की जांच करने से रोका जा सके। उन्होंने कहा, "इस काम में हमें छह महीने लगे (महादेवपुरा दावा)। अगर चुनाव आयोग हमें इलेक्ट्रॉनिक डेटा देता तो हमें 30 सेकंड लगते। हमें इस तरह का डेटा क्यों दिया जा रहा है? ताकि इसका विश्लेषण न हो... ये कागजात ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन की अनुमति नहीं देते।"
