Rahul Gandhi met Gambhira victims: गंभीरा ब्रिज हादसे के बाद राहुल गांधी ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। CM भूपेंद्र पटेल ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया, वहीं अहमदाबाद में सभी पुलों की हो रही जांच।

Rahul Gandhi met Gambhira victims: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शनिवार को गुजरात के आनंद पहुंचे। यहां उन्होंने गंभीरा ब्रिज हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन से मुलाकात की। बीते 9 जुलाई को वडोदरा और आनंद को जोड़ने वाला गंभीरा ब्रिज ढह गया था। इस हादसे में 20 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे।

AUDA ने शुरू की पुलों की व्यापक जांच

गंभीरा ब्रिज हादसे के बाद एहतियाती कदम उठाते हुए अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (AUDA) ने अपने क्षेत्र के सभी पुलों की गहन जांच शुरू कर दी है। खास तौर पर सरदार पटेल रिंग रोड पर स्थित चार बड़े पुलों का निरीक्षण चल रहा है। शनिवार को AUDA की टीम ने कमोद गांव के पास स्थित कमोद ब्रिज की जांच की। इसके लिए दिल्ली से मंगाई गई मोबाइल ब्रिज इंस्पेक्शन यूनिट (MBIU) का इस्तेमाल किया गया, जो पुल के निचले हिस्सों तक पहुंचने में सक्षम एक आधुनिक क्रेन प्रणाली है।

AUDA के कार्यकारी अभियंता संजय पटेल ने बताया कि सरदार पटेल रिंग रोड पर दो प्रमुख ब्रिज हैं, एक डैम के पास और दूसरा कमोद गांव के पास। फिलहाल हम कमोद ब्रिज की विस्तृत जांच MBIU की मदद से कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गंभीरा ब्रिज हादसे की गंभीरता को देखते हुए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। यह टीम ब्रिज के निर्माण, निरीक्षण और गुणवत्ता जांच की प्रक्रिया का विस्तृत आकलन कर रिपोर्ट तैयार करेगी।

पीड़ितों को त्वरित राहत सहायता

राज्य सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों और घायलों को त्वरित आर्थिक सहायता प्रदान की है। शनिवार को कुल 62 लाख रुपये के चेक वितरित किए गए, जिनमें प्रत्येक मृतक के परिजन को 4 लाख और घायल को 50,000 रुपये दिए गए। चेक वडोदरा से सांसद जसुभाई राठवा और विधायक चैतन्यसिंह झाला ने सौंपे। सरकार के मुताबिक अब तक 15 मृतकों के परिवारों और 4 घायलों को यह सहायता राशि सौंपी जा चुकी है।

पुल हादसों से सबक, पूरे राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा

गुजरात में हाल के पुल हादसों ने राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद विभिन्न जिलों में पुलों की तकनीकी जांच और पुनर्निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।