सार
कर्नाटक शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में शिक्षक भर्ती परीक्षा के 13,363 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। खास बात ये है कि इस बार चयनित इन उम्मीदवारों में 3 ट्रांसजेंडर टीचर भी शामिल हैं, जो अब बच्चों को पढ़ाएंगे। बता दें कि इस बार इस परीक्षा में 10 ट्रांसजेंडर्स शामिल हुए थे।
Transgenders Teacher in Karnataka: कर्नाटक शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में शिक्षक भर्ती परीक्षा के 13,363 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। खास बात ये है कि इस बार चयनित इन उम्मीदवारों में 3 ट्रांसजेंडर टीचर भी शामिल हैं, जो अब बच्चों को पढ़ाएंगे। बता दें कि इस बार इस परीक्षा में 10 ट्रांसजेंडर्स शामिल हुए थे। जिन तीन ट्रांसजेंडर्स का टीचर के लिए चयन हुआ है, उनमें कर्नाटक के रायचूर की रहने वाली पूजा भी है।
कौन है पूजा?
रायचूर जिले के मानवी तालुक के नीरामानवी गांव की रहने वाली 34 साल की ट्रांसवुमन पूजा को इस साल कक्षा 6 से 8 तक के लिए पोस्ट ऑफ ग्रैजुएट प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए सिलेक्ट किया गया है। पूजा ने मई, 2022 में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित परीक्षा पास की और हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई फाइनल लिस्ट में उनका नाम आ गया। एक इंटरव्यू में पूजा ने बताया कि वो एक अच्छी टीचर बनना चाहती थी। इसके साथ ही वो ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए भी काम करना चाहती है, जो पहले से ही शिक्षा की कमी के चलते सम्मान का जीवन नहीं जी पा रहे हैं।
जेंडर आइडेंटिट को लेकर अपमानित करते थे लोग :
पूजा का जन्म अश्वत्थामा की एक मिडिल क्लास फैमिली में मारेप्पा और येल्लम्मा के घर हुआ था। पूजा अपने 6 भाई-बहनों में पांचवे नंबर की है। पूजा जब बड़ी हुई तो कॉलेज में दोस्तों और उसके गांव के लोगों ने जेंडर आइडेंटिटी को लेकर न सिर्फ उसे परेशान किया बल्कि अपमानित भी किया। हालांकि, इतना सबकुछ सहते हुए भी पूजा ने अपनी पढ़ाई बंद नहीं की। पूजा ने यहां के सरकारी कॉलेज के आर्ट में ग्रैजुएशन पूरा किया। इसके बाद कलबुर्गी के सिंधानूर में गुलबर्गा यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए कम्प्लीट किया। पूजा ने अपनी पढ़ाई आगे भी जारी रखी और रायचूर से सोशल साइंस में बी.एड की डिग्री ली।
बीएड की डिग्री के बाद भी लोग मारते थे ताना :
बीएड की डिग्री पूरी करने के बाद भी लोगों ने पूजा को ताने मारना नहीं छोड़ा। इससे तंग आकर वो रायचूर छोड़ बेंगलुरू चली आई। इसके बाद पूजा ने यहां जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी करवाई और एक महिला के तौर पर अपना नाम बदलकर पूजा रख लिया। इसी बीच, पूजा के पेरेंट्स ने उससे बात की और उसे अपने गांव लौट आने के लिए कहा।
माता-पिता ने किया पूरा समर्थन :
पूजा के पेरेंट्स ने उसे भरोसा दिलाया कि वो उसकी हर एक चीज का समर्थन करने के साथ ही उसकी इच्छा के मुताबिक जीने के फैसले का सम्मान करेंगे। इसके बाद पूजा अपने घर लौट गई और करियर पर फोकस शुरू कर दिया। इसी बीच, जब राज्य सरकार की ओर से टीचर के लिए योग्य उम्मीदवारों की भर्ती निकाली गई तो पूजा ने ट्रांसजेंडर लोगों को मिले रिजर्वेशन का इस्तेमाल किया और मार्च, 2022 में शिक्षक के पद के लिए आवेदन किया।
पूजा ने किया नौकरी के लिए आवेदन :
पूजा के मुताबिक, एक ट्रांसवुमन के रूप में, मैंने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का इस्तेमाल किया, जो ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है। मैंने परीक्षा दी और सिलेक्ट हो गई। अब मैं सभी ट्रांसजेंडर लोगों से अपील करती हूं कि वे अपनी पढ़ाई पर फोकस करें और हो सके तो इज्जत की जिंदगी जीने के लिए सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई करें।
न सिर्फ दोस्त, रिश्तेदार भी उड़ाते थे मजाक :
अपने स्ट्रगलिंग डेज को याद करते हुए पूजा कहती है- शुरुआती दिन मेरे लिए बहुत कठिन थे। न सिर्फ दोस्त बल्कि कुछ रिश्तेदार भी मेरा मजाक उड़ाते थे। वो अक्सर मेरे हाव-भाव और आवाज को लेकर ताना मारते थे। हालांकि, धीरे-धीरे मैंने खुद ही उन्हें नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। इसके बाद मैं पूरी तरह अपनी पढ़ाई पर लग गई और अब मैं अपना लक्ष्य हासिल कर चुकी हूं।
बेफिजूल लोगों को अनसुना कर लक्ष्य पर फोकस करें :
पूजा अब ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों से कहती हैं कि वे लोगों द्वारा कसे जाने वाले तानों से बिल्कुल भी परेशान न हों और सिर्फ अपने लक्ष्य पर फोकस करते हुए पढ़ाई जारी रखें। अगर आप हालातों का बहादुरी से सामना करते हैं और लोगों की बेफिजूल बातों को अनसुना करते हैं तो निश्चित ही आपको भी इसके सार्थक परिणाम मिलेंगे। जिस तरह मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है, आपको भी होगा।
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