इंडिगो फ्लाइट रुकावट के बाद यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए इंडियन रेलवे ने 37 प्रीमियम ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच जोड़ दिए। साथ ही चार स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। जानिए किन रूट्स पर सर्विस बढ़ी और पैसेंजर को क्या फायदा मिलेगा।

नई दिल्ली। इंडिगो फ्लाइट्स में बड़े पैमाने पर रुकावट और कैंसिलेशन होने के बाद देशभर में यात्रियों की आवाजाही अचानक रेलवे पर आ गई। भीड़ इतनी बढ़ गई कि कई रूटों पर टिकट मिलना मुश्किल होने लगा। इसी बढ़ती डिमांड को देखते हुए इंडियन रेलवे ने एक बड़ा और तात्कालिक फैसला लिया है। रेल मंत्रालय ने घोषणा की कि 37 प्रीमियम ट्रेनों में कुल 116 एक्स्ट्रा कोच जोड़े गए हैं, ताकि लाखों यात्रियों को बिना परेशानी यात्रा का मौका मिल सके। इसमें चेयर कार, स्लीपर, 3AC और 2AC सभी श्रेणियों के कोच शामिल हैं।

किसने सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की-सदर्न रेलवे या नॉर्दर्न रेलवे?

रेल मंत्रालय ने बताया कि सदर्न रेलवे (SR) में सबसे ज्यादा की गई है, जहां 18 ट्रेनों में क्षमता बढ़ाई गई है। चेयर कार और स्लीपर क्लास बढ़ाई गई हैं। बदलाव 6 दिसंबर से लागू होगा। इससे दक्षिण भारत में रहने की क्षमता और सीट उपलब्धता काफी बेहतर हुई है।दूसरी ओर नॉर्दर्न रेलवे (NR) ने भी 8 प्रीमियम ट्रेनों में 3AC और चेयर कार कोच जोड़ दिए हैं। जिससे दिल्ली मार्ग पर ट्रैवल कंफर्ट बढ़ेगा। इसके अलावा वेस्टर्न, ईस्ट सेंट्रल, ईस्ट कोस्ट, ईस्टर्न और नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने भी अपने-अपने जोन की जरूरतों के आधार पर कोच बढ़ा दिए हैं। रेलवे ने इसके साथ ही चार स्पेशल ट्रेनों को भी चलाने का ऐलान किया है ताकि अतिरिक्त मांग को तुरंत पूरा किया जा सके। जिससे यात्रियों को बेहतर और सुविधाजनक यात्रा मिल सके। यह बदलाव देश के कई महत्वपूर्ण कॉरिडोर पर सीधी तरह असर डाल रहा है।

क्या फ्लाइट कैंसिलेशन ने रेलवे की डिमांड को अचानक बढ़ा दिया?

फ्लाइट्स कैंसिल होने के बाद हजारों यात्रियों ने ट्रेनों की ओर रुख किया। टिकटों में वेटिंग बढ़ गई और कई रूट फुल हो गए। ऐसे में रेलवे को तुरंत क्षमता बढ़ानी पड़ी। रेल मंत्रालय के अनुसार, 37 प्रीमियम ट्रेनों में 116 नए कोच जोड़कर उपलब्धता बढ़ाई गई, ताकि यात्रियों को बिना परेशानी यात्रा का विकल्प मिले।

क्या पश्चिमी और पूर्वी भारत के यात्रियों को भी फायदा मिलेगा?

जी हां।

  • वेस्टर्न रेलवे (WR) ने 4 डिमांड वाली ट्रेनों में 3AC और 2AC कोच जोड़े हैं। इससे मुंबई–दिल्ली रूट पर यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी।
  • इसी तरह, ईस्ट सेंट्रल रेलवे (ECR) ने बिहार-दिल्ली रूट पर राजेंद्र नगर-नई दिल्ली ट्रेन में 6–10 दिसंबर के बीच कई अतिरिक्त कोच लगाए हैं।
  • ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECOR) ने भी भुवनेश्वर-नई दिल्ली रूट पर 2AC कोच जोड़कर ओडिशा और राजधानी के बीच कनेक्टिविटी मजबूत की है।
  • ईस्टर्न रेलवे (ER) ने 7 और 8 दिसंबर को 6 ट्रिप में स्लीपर कोच बढ़ाए हैं, जिससे पूर्वी भारत में रीजनल यात्रा आसान हुई है।

क्या नॉर्थईस्ट के यात्रियों को भी राहत मिलेगी?

रेल मंत्रालय के अनुसार, नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) ने 6–13 दिसंबर के बीच दो ट्रेनों में 3AC और स्लीपर कोच जोड़कर 8–8 एक्स्ट्रा ट्रिप चलाई हैं। इससे नॉर्थईस्ट क्षेत्र में भी यात्रा क्षमता बढ़ी है।

क्या रेलवे स्पेशल ट्रेनों से भी भीड़ कम करने की कोशिश कर रहा है?

  • हां, इसके अलावा रेलवे ने 4 खास स्पेशल ट्रेनें भी शुरू की हैं:
  • गोरखपुर-आनंद विहार स्पेशल (7-9 दिसंबर)
  • नई दिल्ली-जम्मू वंदे भारत स्पेशल (6 दिसंबर)
  • नई दिल्ली-मुंबई सुपरफास्ट स्पेशल (6-7 दिसंबर)
  • निज़ामुद्दीन-तिरुवनंतपुरम सुपरफास्ट स्पेशल (6 दिसंबर)
  • इन ट्रेनों से देशभर की भीड़ बंटेगी और यात्रियों को बेहतर विकल्प मिलेंगे।

क्या इन फैसलों से रेलवे नेटवर्क पर दबाव कम होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लाइट संकट के कारण अचानक बढ़ी भीड़ को संभालने के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। नए कोच जुड़ने से उपलब्धता बढ़ेगी और यात्रियों को सीटें मिल सकेंगी।