सार
EU ने ऑनलाइन कंटेंट रूल्स के लिए Google-Facebook समेत टेक्नोलॉजी सेक्टर की 19 बड़ी कंपनियों को चुना है। राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा है कि यूरोप सुरक्षित इंटरनेट के भारतीय मॉडल को अपना रहा है।
नई दिल्ली। EU (यूरोपियन यूनियन) ने ऑनलाइन कंटेंट रूल्स के लिए Google-Facebook समेत टेक्नोलॉजी सेक्टर की 19 बड़ी कंपनियों को चुना है। इसपर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा है कि यूरोप सुरक्षित इंटरनेट के भारतीय मॉडल को अपना रहा है।
राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, "यूरोपीय संघ भी सोशल मीडिया कंपनी चला रहीं कंपनियों को अधिक जवाबदेह बनाकर सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट सुनिश्चित करने के भारतीय मॉडल का पालन कर रहा है।"
ऑनलाइन कंटेंट रूल्स के लिए EU ने 19 तकनीकी दिग्गजों को चुना
यूरोपीय संघ के उद्योग प्रमुख थिएरी ब्रेटन ने मंगलवार को कहा कि हमने ऑनलाइन कंटेंट रूल्स के लिए 19 तकनीकी दिग्गजों को चुना है। इसमें गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट की पांच सहायक कंपनियां, फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा के दो प्लेटफॉर्म, माइक्रोसॉफ्ट की दो कंपनियां, ट्विटर और अलिबाबा शामिल हैं।
ऑनलाइन कंटेंट को रेगुलेट करने वाले रूल्स को DSA (Digital Services Act) नाम दिया गया है। इसके अनुसार कंपनियों को जोखिम मैनेज करने, बाहरी और स्वतंत्र ऑडिटिंग करने, अधिकारियों और शोधकर्ताओं के साथ डेटा शेयर करने और अगस्त तक एक आचार संहिता अपनाने की आवश्यकता होती है।
19 कंपनियों में अल्फाबेट का गूगल मैप्स, गूगल प्ले, गूगल सर्च, गूगल शॉपिंग और यूट्यूब, मेटा का फेसबुक और इंस्टाग्राम, अमेजन का (AMZN.O) मार्केटप्लेस और एपल का एप स्टोर शामिल हैं। इसके साथ ही माइक्रोसॉफ्ट की दो इकाइयां लिंक्डिन और बिंग, बुकिंग डॉट कॉम (बीकेएनजी.ओ), पिनटेरेस्ट (पिनस.एन), स्नैप इंक (एसएनएपी.एन) स्नैपचैट, टिकटॉक, ट्विटर, विकिपीडिया, जालैंडो (जेडएएलजी.डीई) और अलीबाबा अलीएक्सप्रेस भी शामिल हैं।
EU के उद्योग प्रमुख थिएरी ब्रेटन ने कहा, “हम मानते हैं कि ये 19 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सर्च इंजन व्यवस्थित रूप से प्रासंगिक हो गए हैं। इंटरनेट को सुरक्षित बनाने के लिए विशेष जिम्मेदारियां हैं। कंपनियों को दुष्प्रचार से निपटने के लिए और अधिक प्रयास करना होगा। यूजर्स को अधिक सुरक्षा और विकल्प देना होगा। बच्चों के लिए मजबूत सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन्हें अपने वैश्विक कारोबार के 6% तक के जुर्माने का जोखिम उठाना होगा।”