सार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार शाम 7.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसमें केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल, थावर चंद्र गहलोत और मुख्तार अब्बास नक्वी भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाजपा राज्यसभा में हंगामे को लेकर विपक्ष पर निशाना साध सकती है। 
 

नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत 6 केंद्रीय मंत्रियों ने रविवार को कृषि बिलों को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, आज राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान जो हुआ वो दुखद था और शर्मनाक था। उन्होंने कहा, संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदीर सत्ता पक्ष की बनती है, लेकिन विपक्ष का भी सहयोग जरूरी होता है।

राजनाथ सिंह ने कहा, आज राज्यसभा में कृषि से संबंधित 2 विधेयकों पर चर्चा चल रही थी उस समय राज्यसभा में जो हुआ वो जहां दुखद था, वहीं दुर्भाग्यपूर्ण था और उससे भी आगे जाकर मैं कहना चाहूंगा कि वो अत्यधिक शर्मनाक था। रक्षा मंत्री ने कहा, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंशजी के साथ दुर्व्यवहार हुआ है, इसे पूरे देश ने देखा है। वे मूल्यों के प्रति विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं। 

ये दोनों विधेयक ऐतिहासिक
उन्होंने कहा, ये दोनों विधेयक किसान और कृषि जगत के लिए ऐतिहासिक हैं। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। परन्तु किसानों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है कि MSP खत्म कर दी जाएगी जबकि ऐसा नहीं है किसी भी सूरत में MSP समाप्त नहीं होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल, थावर चंद्र गहलोत और मुख्तार अब्बास नक्वी भी मौजूद रहे।

कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
-  हरसिमरत कौर बादल के मंत्रिमंडल से इस्तीफे पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'सबको समझाने की कोशिश की जा रही है। कई फैसलों के राजनीतिक कारण भी होते हैं।'
- राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'इसपर जो भी फैसला लेना होगा, वह चेयरमैन लेंगे। इस मामले पर राजनीतिक टिप्पणी ठीक नहीं।'
- केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, जिस समय मत विभाजन की बात हो रही थी, उस वक्त विपक्ष के सांसद हिंसा कर रहे थे, माइक तोड़ रहे थे।

3 काले कानून लाकर किसान के पेट पर खंजर घोपा- कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 3 काले कानून लाकर मोदी सरकार ने देश के किसान और खेत मजदूर के पेट और पीठ में एक तेज धार वाला खंजर घोप दिया है। 73 वर्षों में शायद ये सबसे अंधकारमय दिन संसद और इस देश के इतिहास में हैं।

उन्होंने कहा, जब अनाज मंडी खत्म हो जाएंगी तो किसान को MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) कैसे और कहां मिलेगा। राजनाथ जी और मोदी जी, अगर MSP देंगे तो कानून के अंदर MSP देने की गारंटी के शब्द क्यों नहीं लिख देते, सारी शंका खत्म हो जाएगी

क्या हुआ राज्यसभा में?
सरकार ने राज्यसभा में दो कृषि विधेयक (कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020) पेश किए। इस पर वोटिंग के दौरान जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने वेल में जाकर नारेबाजी की। टीएमसी पार्टी से सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति हरिवंश का माइक तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने सदन की रूल बुक भी फाड़ दी। 

जब सदन में कार्यवाही जारी रखने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ा। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने उनके साथ धक्का मुक्की भी की। 10 मिनट तक सदन की कार्यवाही स्थगित रखनी पड़ी। हालांकि, इसके बाद दोनों बिल पास हो गए।