सार

भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में रविवार को एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, DRDO की एंटी कोरोना ड्रग 2DG के 10,000 पैकेट इमरजेंसी यूज के लिए लॉन्च किए जाएंगे। इन्हें सोमवार को मरीजों को दिया जाएगा। 

नई दिल्ली.  भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में रविवार को एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, DRDO की एंटी कोरोना ड्रग 2DG के 10,000 पैकेट इमरजेंसी यूज के लिए लॉन्च किए जाएंगे। इन्हें सोमवार को मरीजों को दिया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वे सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दवा का पहला बैच रिलीज करेंगे।

इस दवा को DRDO के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर बनाया है। डीआरडीओ के मुताबिक, यह दवा मरीजों में ऑक्सीजन की कमी को दूर करती है। इसके अलावा इस दवा के इस्तेमाल के बाद 2-3 दिन में अस्पताल में छुट्टी हो जाती है, यानी यह अस्पताल पर निर्भरता कम करेगी। इसलिए इस दवा को गेम चेंजर भी कहा जा रहा है।

कैसे कोरोना के खिलाफ रामबाण साबित होगी ये दवा?
खास बात ये है कि यह दवा हल्के, मध्यम और गंभीर, तीनों तरह के लक्षण वाले मरीजों पर कारगर है। ट्रायल में सभी तरह के मरीजों को इससे फायदा हुआ और किसी तरह के गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले। यह सुरक्षित दवा है। 

कैसे रहे नतीजे ?
DRDO ने बताया कि इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में जिन मरीजों को यह दवा दी गई, उनमें से 42% मरीजों को ही तीसरे दिन में ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी। इसके अलावा जिन मरीजों को इलाज के तय मानक, यानी स्टैंडर्ड ऑफ केयर (SoC) के तहत दवा दी गईं, उनमें यह आंकड़ा 31% था। दवा देने के बाद मरीजों के कोरोना लक्षणों में भी कमी आई। इसके अलावा दिल की धड़कन (पल्स रेट), ब्लड प्रेशर, बुखार और सांस लेने की दर, बाकी मरीजों के मुकाबले औसतन 2.5 दिन पहले ही ठीक हो गए। 

कैसे काम करती है यह दवा ?
यह दवा ग्लूकोज का ही सब्स्टिट्यूट है। यह पाउडर के तौर पर है और इसे मरीजों को पानी में मिलाकर दिया जाता है। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमित शरीर से ग्लूकोज लेते हैं। यह दवा संक्रमित कोशिकाओं में पहुंच जाती है। जिससे कोरोना वायरस ग्लूकोज की जगह इसका इस्तेमाल करने लगता है। यह वायरस की एनर्जी को खत्म कर देता है। इससे नए वायरस बनना बंद हो जाते हैं और वायरस भी मर जाते हैं। 
 
कितनी कीमत में मिलेगी दवा?
डीआरडीओ ने दवा की कीमत का ऐलान नहीं किया। लेकिन यह दवा जेनेरिक है, इसलिए ज्यादा महंगी नहीं होगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह दवा 500-600 रुपए के बीच में हो सकती है। सरकार इसमें कुछ सब्सिडी भी दे सकती है। हालांकि, दवा की कीमत पर डॉ. रेड्डीज लैब फैसला लेगा। 

क्या 2- DG दवा बनाने के लिए किसी देश पर निर्भर रहना होगा?
यह दवा ग्लूकोज का ही सब्स्टिट्यूट है। हालांकि, इसे सिंथेटिक तरीके से बनाया जाता है। लेकिन इसका उत्पादन आसान है। इस दवा को बनाने के लिए कच्चे माल की उपलब्धता में कोई समस्या नहीं है। यह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।