सार

कृषि बिलों के विरोध में राज्यसभा में हंगामा करने की वजह से 8 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित किए गए हैं। सांसदों के निलंबन के बाद राज्यसभा उपसभापति हरिवंश सिंह ने  राज्यसभा सभापति को पत्र लिखकर अपना दुख जाहिर किया। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ जो हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं। मैं पूरी रात सो नहीं पाया। 

नई दिल्ली. कृषि बिलों के विरोध में राज्यसभा में हंगामा करने की वजह से 8 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित किए गए हैं। सांसदों के निलंबन के बाद राज्यसभा उपसभापति हरिवंश सिंह ने  राज्यसभा सभापति को पत्र लिखकर अपना दुख जाहिर किया। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ जो हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं। मैं पूरी रात सो नहीं पाया। हरिवंश सिंह ने सांसदों के व्यवहार के विरोध में एक दिन का उपवास करने का फैसला किया है।

"मैं पूरी रात सो नहीं पाया"
उन्होंने लिखा, "माननीय उपराष्ट्रपति जी एवं राज्यसभा सभापति। 20 सितंबर को राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं। मैं पूरी रात सो नहीं पाया।"

 

"जेपी के गांव में पैदा हुआ"
"जेपी के गांव में पैदा हुआ। सिर्फ पैदा नहीं हुआ, उनके परिवार और हम गांव वालों के बीच पीढ़ियों का रिश्ता रहा। गांधी का बचपन से गहरा असर पड़ा। गांधी, जेपी, लोहिया और कर्पूरी टाकुर जैसे लोगों के सार्वजनिक जीवन ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। जयप्रकाश आंदोलन और इन महान विभूतियों की परंपरा में जीवन में सार्वजनिक आचरण अपनाया।" 

"मेरे सामने जो हुआ, वह  अकल्पनीय क्षति "
"मेरे सामने 20 सितंबर को उच्च सदन में जो दृश्य हुआ, उससे सदन, आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची है।"

 

"लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ"
"सदन के माननीयों सदस्यों द्वारा लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ। आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई। उच्च सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गईं।"

"नियम पुस्तिका फाड़ी। मेरे ऊपर फेंका"
"सदन में माननीय सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ी। मेरे ऊपर फेंका। सदन के जिस ऐतिहासिक टेबल पर बैठकर सनद के अधिकारी, सदन के महान परंपराओं को शुरू से आगे बढ़ाने में मूक नायक की भूमिका अदा करते रहे हैं, उनकी टेबल पर चढ़कर सदन के महत्वपूर्ण कागजात-दस्तावेजों को पलटने, फेंकने और फाड़ने की घटनाएं हुईं।"

"नीचे से कागज को रोल बनाकर आसन पर फेंके"
"नीचे से कागज को रोल बनाकर आसन पर फेंके गए। नितांत आक्रामक व्यवहार। भद्दे और असंसदीय नारे लगाए गए। ह्रदय और मानस को बेचैन करने वाला लोकतंत्र के चीरहरण का दृश्य पूरी रात मेरे मस्तिष्क में छाया रहा। सो नहीं पाया।"

"चौबीस घंटे का उपवास कर रहा हूं"
"मुझे लगता है कि उच्च सदन के मर्यादित पीठ पर मेरे साथ जो अपमानजनक व्यवहार हुआ, उसके लिए मुझे एक दिन का उपवास करना चाहिए। शायद मेरे इस उपवास से सदन में इस तरह के आचरण करनेवाले माननीय सदस्यों के अंदर आत्मशुद्धि का भाव जागृत हो। चौबीस घंटे का उपवास कर रहा हूं। कामकाज की गति न रुके, इसलिए उपवास के दौरान भी राज्यसभा के कामकाज में नियमित व सामान्य रूप से भाग लूंगा।"

"एक हफ्ते में मेरा कटु अनुभव"
"पिछले सोमवार को दोबारा मुझे उपसभापति का दायित्व दिया गया। महज एक हफ्ते में मेरा ऐसा कटु अनुभव होगा, आहत करने वाला कल्पना नहीं की थी।"