सार

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफी के बढ़ते प्रसार और इससे बच्चों तथा समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की समस्या के समाधान सुझाने के लिये उच्च सदन के सदस्यों की एक तदर्थ समिति गठित की है

नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफी के बढ़ते प्रसार और इससे बच्चों तथा समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की समस्या के समाधान सुझाने के लिये उच्च सदन के सदस्यों की एक तदर्थ समिति गठित की है।

नायडू ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में बताया कि हाल ही में इस विषय पर उच्च सदन के सदस्यों के औपचारिक समूह को ही तदर्थ समिति में तब्दील किया गया है। समूह के संयोजक राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

अध्ययन करने के लिये बना औपचारिक समूह

उन्होंने कहा कि हाल ही में सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफी के बच्चों सहित समूचे समाज पर प्रभाव का अध्ययन करने के लिये बनाये गये औपचारिक समूह में रमेश के अलावा सपा की जया बच्चन, आप के संजय सिंह, बीजद के डा. अमर पटनायक, कांग्रेस के एम वी राजीव गौड़ा और अमी याज्ञिक, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन, जदयू की कहकशां परवीन, भाजपा के राजीव चंद्रशेखर, विनय पी सहस्त्रबुद्धे और रूपा गांगुली, द्रमुक के तिरुचि शिवा, राकांपा की वंदना चव्हाण तथा अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यनाथ शामिल थे।

रमेश इस समिति के अध्यक्ष होंगे

सभापति ने सदन को बताया कि इस विषय पर समूह की कुछ बैठकें होने के बाद रमेश ने उन्हें समूह के समक्ष कुछ मौलिक दिक्कतों के बारे में अवगत कराया है। इसके मद्देनजर उन्होंने इस समूह को तदर्थ समिति के रूप में काम करने को कहा है। रमेश इस समिति के अध्यक्ष होंगे।

उन्होंने बताया कि समिति को इस विषय के सभी पहलुओं पर विचार कर समस्या के समाधान के बारे में अपनी रिपोर्ट एक महीने के भीतर पेश करने को कहा है। नायडू ने स्पष्ट किया कि समिति का कार्यकाल किसी भी स्थिति में नहीं बढ़ाया जायेगा।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)