सार
मुसव्वीर हुसैन शाजिब, अब्दुल मतीन अहमद ताहा, मास मुनीर अहमद और मुसम्मिल शरीफ के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है.
बेंगलुरु: रामेस्वरम कैफे ब्लास्ट केस में NIA ने चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. मुसव्वीर हुसैन शाजिब, अब्दुल मतीन अहमद ताहा, मास मुनीर अहमद और मुसम्मिल शरीफ के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. NIA ने अपनी जांच में पाया है कि आरोपी बेंगलुरु में बीजेपी कार्यालय को निशाना बनाने की फिराक में थे. NIA ने चार्जशीट में कहा है कि आरोपियों ने अयोध्या में प्रतिष्ठा दिवस पर बेंगलुरु में बीजेपी कार्यालय में बम विस्फोट करने की कोशिश की थी. उस दिन बम प्लांट नहीं हो सका, जिसके बाद आरोपी वहां से वापस चले गए. NIA ने चार्जशीट में कहा है कि इसके बाद ब्रुकफील्ड के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट किया गया.
NIA ने पाया है कि आरोपियों ने डार्क वेब के जरिए फर्जी आईडी बनाई थी. आरोपियों ने फर्जी नामों से भारतीय सिम कार्ड और बैंक खाते बनाकर लेनदेन किया. NIA के मुताबिक, उनके पास भारतीय पहचान पत्रों के अलावा बांग्लादेशी आईडी भी थे. इन्हें क्रिप्टोकरेंसी के जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे मिलते थे. टेलीग्राम के जरिए पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके पैसे को दूसरी करेंसी से भारतीय रुपये में बदल दिया गया. आरोपियों में से दो के ISIS से संबंध हैं. पहला आरोपी मुसव्वीर हुसैन शाजिब ने कैफे में बम प्लांट किया था. NIA ने चार्जशीट में कहा है कि शाजिब 2020 में अल-हिंद आतंकी मॉड्यूल की गिरफ्तारी के बाद ताहा के साथ फरार हो गया था.
ताहा और शाजिब ISIS की विचारधारा से प्रभावित होकर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गए. शिवमोग्गा के रहने वाले शाजिब और ताहा ने मास मुनीर और मुसम्मिल शरीफ को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. NIA ने चार्जशीट में कहा है कि बेंगलुरु लश्कर मॉड्यूल मामले के आरोपियों और कैफे ब्लास्ट केस के आरोपियों के बीच करीबी संबंध थे. उन्होंने दक्षिण भारत में ISIS अमीर के नाम से मशहूर ख्वाजा मोहिउद्दीन से भी मुलाकात की थी. बता दें कि बीते एक मार्च को बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में धमाका हुआ था. इस धमाके में 9 लोग घायल हो गए थे. कैफे का एक हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था.