सार
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में लोकसभा के उप चुनाव(West Bengal Asansol bypoll) के साथ बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार और छत्तीसगढ़ विधानसभा की एक-एक सीट के लिए हुए उप चुनाव का आज रिजल्ट आया है। यहां 12 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। पांचों सीटों पर भाजपा चमत्कार नहीं दिखा सकी।
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आसनसोल लोकसभा सीट के उपचुनाव का अपडेट देखने क्या क्लिक करें
इलेक्शन डेस्क। लोकसभा की एक सीट और चार राज्यों की चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव (by-election) के नतीजे आ गए हैं। यहां 12 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। इनमें पश्चिम बंगाल के आसनसोल की लोकसभा (West Bengal Asansol bypoll) के साथ महाराष्ट्र, बिहार और छत्तीसगढ़ विधानसभा की एक-एक सीट के लिए चुनाव हुए थे। सबसे महत्वपूर्ण सीट आसनसोल थी। यहां से तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तरफ से अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha), जबकि अग्निमित्रा पॉल (Agnimitra Paul) भाजपा से चुनाव लड़ीं। यहां से शत्रुघ्न सिन्हा ने पॉल को 2 लाख 64 हजार 913 वोट से हराया। शत्रुघ्न सिन्हा को 656358 वोट मिले। यह कुल वोट का 56.62 फीसदी है। अग्निमित्रा पॉल को 353149 वोट मिले। उन्हें 30.46 फीसदी वोटरों ने अपना समर्थन दिया।
आसनसोल सहित सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा हार चुकी है। बाबुल सुप्रियो ने कहा- ये रूझान TMC कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल है। दीदी ने जैसे पूरी टीम को गाइड किया है इसका आभार है। आसनसोल के लोग थोड़े रूठे हुए थे और उनका रूठना जायज है। मुझे यकीन था कि शत्रुघ्न जी आसनसोल में जरूर जीतेंगे।
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बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी आसनसोल सीट
भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे बाबुल सुप्रियो ने TMC का दामन थाम लिया था। वे बालीगंज विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़े। यहां से भाजपा ने केया घोष और मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने सायरा शाह हलीम के मैदान में उतारा था। यह सीट TMC विधायक और ममता सरकार में मंत्री रहे सुब्रह मुखर्जी के निधन के चलते खाली हुई थी।
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आसनसोल लोकसभा सीट के बारे में
बता दें कि आसनसोल लोकसभा सीट 1957 से 1967 तक कांग्रेस के कब्जे में रही। 1967 से 1971 तक संयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी ने इस पर राज किया। इसके बाद 1971 से 1980 तक सीपीआई (एम) के कब्जे में रही। 1989 से 2014 तक यह सीट फिर सीपीआई (एम) के पास आ गई। 2014 के आम चुनावों में बीजेपी के बाबुल सुप्रियो यहां से चुने गए। इसके बाद 2019 में फिर से बाबुल सुप्रियो जीते। यह सीट भाजपा के सांसद बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। जब उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया, तो वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2019 में बीजेपी छोड़ने वाले शत्रुघ्न सिन्हा भी इस चुनाव से ठीक पहले TMC में शामिल हुए थे।
वोटिंग के दौरान हुई थी हिंसा
12 अप्रैल को वोटिंग के दिन हुड़दंगियों ने भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्र पॉल(Agnimitra Paul) के काफिले को निकलने से रोका था। पुलिस पर पथराव भी किया था। उधर, बाबुल सुप्रियो ने सेंट्रल फोर्स का रवैया सही नहीं होने का आरोप लगाया था। बाबुल ने कहा कि उन्हें साउथ पोर्ट स्कूल के बूथ में घुसने नहीं दिया गया था।
विधानसभा सीटों के नतीजे
बालीगंज (पश्चिम बंगाल)- तृणमूल कांग्रेस के बाबुल सुप्रियो, भाजपा की केया घोष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की प्रत्याशी साइरा शाह हलीम के बीच मुकाबला हुआ। 51199 वोट लाकर बाबुल सुप्रियो ने जीत दर्ज की। उन्हें 49.69 फीसदी वोट मिले। साइरा शाह हलीम 30940 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहीं। उन्हें 30.06 फीसदी वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी केया घोष तीसरे स्थान पर रहीं। उन्हें 13220 (12.83 फीसदी) वोट मिले।
बोचहां (बिहार)- विकासशील इंसान पार्टी से गीता कुमारी, राष्ट्रीय जनता दल से अमर पासवान, भाजपा से बेबी कुमारी और कांग्रेस से तरुण चौधरी चुनावी मैदान में थे। राजद के अमर कुमार पासवान को जीत मिली है। उन्हें 82562 वोट मिले। यह कुल वोट का 48.52 फीसदी है। बीजेपी प्रत्याशी बेबी कुमारी 45909 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहीं। वहीं, वीआईपी की उम्मीदवार गीता कुमारी को 29247 वोट मिले।
खैरागढ़ (छत्तीसगढ़)- कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा निलाम्बर वर्मा और भाजपा उम्मीदवार कोमल जंघेल के बीच मुकाबला हुआ। यशोदा वर्मा ने 87879 वोट लाकर जीत दर्ज की। उन्हें 52.97 फीसदी वोट मिले। वहीं, कोमल जंघेल 67703 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें 40.81 फीसदी वोट मिले।
कोल्हापुर (महाराष्ट्र)- कांग्रेस के जाधव जयश्री चंद्रकांत (अन्ना) और भाजपा के सत्यजीत (नाना) कदम के बीच चुनावी मुकाबला हुआ। 97332 वोट लाकर जाधव जयश्री ने जीत दर्ज की। उन्हें 54.34 फीसदी वोट मिले। वहीं, सत्यजीत को 78025 वोट मिले। वह दूसरे स्थान पर रहे। 43.56 फीसदी वोटरों ने उन्हें पसंद किया।