सार

2021 में आरपीएफ कर्मियों ने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना 601 व्यक्तियों को बचाया। इस मिशन के तहत पिछले चार साल में आरपीएफ के जवानों ने रेलवे स्टेशनों पर चलती ट्रेनों के पहियों से 1650 लोगों की जान बचाई है। 

नई दिल्ली। कोविड महामारी के दौरान देश के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा में लगी आरपीएफ ने न केवल यात्रियों की सुरक्षा को अंजाम दिया बल्कि सांसों की भी हिफाजत की है। साल 2021 रेलवे सुरक्षा बल के लिए उपलब्धियों से भरा रहा। एक तरफ जहां आपीएफ ने एक-एक सांस को बचाने के लिए 522 ऑक्सीजन ट्रेन्स को एस्कोर्ट किया वहीं दूसरी ओर देश भर की रेलवे को सुरक्षा देते हुए यात्रियों को सुरक्षित, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान किया।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस की सुरक्षा के अतिरिक्त यह भी किया

COVID के प्रसार को रोकने के लिए महामारी के दौरान आरपीएफ ने 522 ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेनों को मूल स्टेशन से गंतव्य तक पहुंचाया। इसके अलावा प्रमुख स्टेशनों पर कोविड हेल्प बूथ चालू किए गए, जिन्होंने कई स्रोतों से सत्यापित जानकारी प्राप्त की और जरूरतमंदों को तत्काल सहायता प्रदान करने के अलावा कोविड संसाधनों की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान की। कोविड काल में ड्यूटी निभाते हुए 26 आरपीएफ कर्मचारी कोविड संक्रमण के शिकार होकर अपनी जांच गंवा बैठे। 

जान की परवाह किए बगैर बचाई 601 जानें

हालांकि, 2021 में आरपीएफ कर्मियों ने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना 601 व्यक्तियों को बचाया। मिशन जीवन रक्षा आरपीएफ का एक सफल अभियान रहा। इस मिशन के तहत पिछले चार साल में आरपीएफ के जवानों ने रेलवे स्टेशनों पर चलती ट्रेनों के पहियों से 1650 लोगों की जान बचाई है। पिछले 4 वर्षों में जीवन बचाने में उनके प्रयासों को सराहते हुए भारत के राष्ट्रपति ने आरपीएफ कर्मियों को 09 जीवन रक्षा पदक और एक वीरता पदक से सम्मानित किया है।

महिला सुरक्षा में तत्पर रहा रेलवे सुरक्षा बल

लंबी दूरी की ट्रेनों में विशेष रूप से अकेले यात्रा करने वाली या अपराध की चपेट में आने वाली महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए "मेरी सहेली" शुरू की गई थी। आरपीएफ ने इस उद्देश्य के लिए पूरे भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 244 मेरी सहेली टीमों को तैनात किया है। आरपीएफ इन महिला यात्रियों से उनकी यात्रा के अंत में प्रतिक्रिया एकत्र करता है ताकि पहल की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके और इसे और बेहतर बनाया जा सके। महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अन्य निवारक उपाय जैसे ट्रेन एस्कॉर्टिंग, 840 स्टेशनों पर सीसीटीवी प्रणाली और लगभग 4000 कोच, महिला विशेष सब-अर्बन ट्रेनों में महिला एस्कॉर्ट, महिला कोचों में अनधिकृत यात्रियों के खिलाफ नियमित अभियान आदि भी लागू किए जा रहे हैं।

मानव तस्करी पर कसा लगाम

रेल परिवहन के माध्यम से मानव तस्करी के मामलों में आरपीएफ तत्काल प्रतिक्रिया करता है और इस खतरे को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्ष 2021 के दौरान आरपीएफ ने 630 व्यक्तियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। इसमें 54 महिलाएं, 94 नाबालिग लड़कियां, 81 पुरुष और 401 नाबालिग लड़के शामिल हैं।

बच्चों को तस्करों से बचा परिवार से मिलाया

आरपीएफ ने अपने परिवार से कई कारणों से खोए / अलग हुए बच्चों को फिर से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय रेलवे के संपर्क में आए 11,900 से अधिक बच्चों को सुरक्षा दिया। 132 चाइल्ड हेल्प डेस्क देश भर में कार्यरत हैं, जिसमें आरपीएफ बच्चों के बचाव के लिए नामित एनजीओ के साथ काम करता है।

शातिर अपराधियों पर कार्रवाई में आगे आरपीएफ

यात्रियों के खिलाफ अपराध में शामिल अपराधी के खिलाफ कार्रवाई भी आरपीएफ ने कई किए। वर्ष 2021 के दौरान आरपीएफ ने यात्रियों के खिलाफ अपराध में शामिल 3000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर संबंधित जीआरपी/पुलिस को सौंप दिया।

रेलवे संपत्ति की सुरक्षा

रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति से जुड़े अपराध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए आरपीएफ ने इस तरह के अपराध में शामिल 8744 लोगों को गिरफ्तार कर उनसे 5.83 करोड़ रुपये की वसूली की गई। कोविड महामारी के दौरान, यात्री ट्रेनों के सीमित संचालन को बहाल कर दिया गया था और कोविड प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए ट्रेनों में भीड़ को बनाए रखने के लिए, केवल ट्रेनों में आरक्षित आवास वाले यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। इसने दलालों को अवैध रूप से प्रीमियम दरों पर आरक्षित टिकटों की खरीद और बिक्री का व्यवसाय चलाने का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया। इस अपराध पर अंकुश लगाने के लिए, आरपीएफ ने तेजी से कार्रवाई की और पूरे वर्ष इस तरह के खतरे के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया और 4,600 से अधिक अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ 4,100 से अधिक मामले दर्ज किए। इन दलालों ने भविष्य की यात्रा के टिकटों पर 2.8 करोड़ रुपये का अवैध रूप से कब्जा कर लिया। उनसे भी जब्त कर लिया गया।

नशीले पदार्थों और वन्य जीव तस्करों पर कार्रवाई

2019 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत आरपीएफ ने रेलवे के माध्यम से 15.7 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थों की वसूली कर 620 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा आरपीएफ ने वन्यजीवों के अवैध व्यापार में शामिल तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। वर्ष 2021 के दौरान, आरपीएफ ने कई प्रतिबंधित वन्य जीवन अर्थात पक्षी, सांप, कछुआ, मोर, सरीसृप आदि और उनके प्रसंस्कृत उत्पादों के साथ-साथ चंदन की लकड़ी और अन्य वनस्पतियों और जीवों को बरामद किया।

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