सार
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुर्शिदाबाद में हुए तिहरे हत्याकांड की छानबीन केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की रविवार को मांग करते हुए कहा कि राज्य पुलिस वारदात में शामिल लोगों का पता लगाने में ‘नाकाम’ रही है। घोष ने एक कार्यक्रम के इतर यहां कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) वीभत्स घटना को लेकर ‘गैर जरूरी राजनीति’ कर रही है।
कोलकाता. पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुर्शिदाबाद में हुए तिहरे हत्याकांड की छानबीन केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की रविवार को मांग करते हुए कहा कि राज्य पुलिस वारदात में शामिल लोगों का पता लगाने में ‘नाकाम’ रही है। घोष ने एक कार्यक्रम के इतर यहां कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) वीभत्स घटना को लेकर ‘गैर जरूरी राजनीति’ कर रही है। सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, "अपराधी अब भी पकड़ से बाहर हैं जबकि टीएमसी घटना का राजनीतिकरण कर रही है। वे तिहरे हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की भाजपा की मांग में राजनीति देख रहे हैं।" उन्होंने कहा, "राज्य पुलिस को अभी अपराध में शामिल लोगों को गिरफ्तार करना है। सच सामने लाने के लिए घटना की जांच केंद्रीय एजेंसी को करनी चाहिए।"
महासचिव का भाजपा पर पलटवार
टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि भगवा दल ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ घटना का राजनीतिकरण कर रहा है और राज्य की जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। कांग्रेस नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा, "निष्पक्ष और तेजी से जांच की जानी चाहिए।" उन्होंने रविवार को क्षेत्र का दौरा किया था। इस बीच, जिला पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सीआईडी की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और मृत शिक्षक के पिता से उसके दोस्तों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए बात की। अधिकारी ने कहा कि टीम मृत शिक्षक बंधु प्रकाश पाल के हिरासत में लिए गए कारोबारी साझेदार से पूछताछ कर रही है। पाल ने उसे कथित रूप से कुछ रुपये उधार दिये थे लेकिन उसने इसे लौटाया नहीं था। उन्होंने बताया, ‘‘ जांच चल रही है और हमें उम्मीद है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लेंगे।"
पाल (35), उनकी गर्भवती पत्नी ब्यूटी और आठ वर्षीय अंगन पिछले मंगलवार को जियागंज स्थित अपने घर में खून से लथपथ मिले थे। तिहरे हत्याकांड ने राजनीतिक रंग ले लिया था, क्योंकि भाजपा और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला था जबकि आरएसएस ने दावा किया था कि शिक्षक उनका समर्थक था। मृतक के परिवार ने किसी भी राजनीतिक समूह से उनका संबंध होने से इनकार किया है। पुलिस ने इससे पहले कहा था, "कुल चार लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिसमें से दो लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।"