सार
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यूक्रेन से लौटे छात्रों से बात की। छात्रों ने बताया कि भारत सरकार ने सारी व्यवस्था की थी। उन्होंने मेडिकल के छात्रों से पूछा कि यूक्रेन में किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यूक्रेन से लौटे छात्रों से बात की। छात्रों ने बताया कि भारत सरकार ने सारी व्यवस्था की थी। उन्होंने मेडिकल के छात्रों से पूछा कि यूक्रेन में किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। छात्रों ने सीएम को आपबीती सुनाई। इस दौरान छात्र भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) की तारीफ करते नजर आए।
स्टालिन ने पूछा कि आपलोगों ने कितने दिन कष्ट सहा। सामने बैठे छात्रों ने जवाब दिया कि दो दिन हमने कष्ट सहा। सीमा पार करने तक ही कुछ समस्याएं थी। इसके बाद भारत सरकार ने पूरी स्थिति को अपने नियंत्रण में ले लिया। इसके बाद स्टालिन ने पूछा कि आपलोगों के लिए खाने की क्या व्यवस्था थी? छात्रों ने कहा कि खाने-पीने की पूरी व्यवस्था थी। जबसे हमने बॉर्डर पार किया भारत सरकार ने हमारी पूरी देखभाल की। अगर वो हमारी देखभाल नहीं करते तो हमलोगों को बहुत समस्या हो जाती। अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत ने जितनी तेजी से अभियान चलाया किसी और देश ने ऐसा नहीं किया।
भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए सरकार चला रही ऑपरेशन गंगा
बता दें कि युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने और स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है। इसके साथ ही भारत ने उन पड़ोसी देशों और विकासशील देशों के लोगों को भी निकालने का फैसला किया है जो इसके लिए आग्रह करते हैं। यूक्रेन में 20 हजार से अधिक भारतीय नागरिक फंसे थे। इनमें से अधिकतर छात्र थे। ऑपरेशन गंगा के तहत 17400 से अधिक भारतीय नागरिकों को भारत लाया गया है। बाकि लोगों को भी लाने के लिए अभियान जारी है।
यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए विशेष रूप से काम किया जा रहा है। इसका असर भी दिख रहा है। मंगलवार को सूमी में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को निकालने में सफलता मिली। भारतीय नागरिकों को लेकर 12 बसों का काफिला सूमी से रवाना हुआ है। भारतीय दूतावास और रेड क्रॉस के अधिकारी काफिले को एस्कॉर्ट कर रहे हैं। बांग्लादेशियों और नेपालियों को भी सूमी से निकलने की सुविधा दी गई है।