सार
एस सोमनाथ ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसे दुनिया हमेशा याद रखेगी।
वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक वी. नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह मौजूदा अध्यक्ष एस. सोमनाथ की जगह 14 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे। एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। अपने कार्यकाल के दौरान एस सोमनाथ ने कई ऐसे कार्य किए जिससे दुनियाभर में भारत के नाम का डंका बजा। उनके कार्यकाल में भारत का चंद्रयान-3 मिशन पूरी तरह सफल हुआ था। इसके अलावा भी कई ऐसे काम हैं, जिसे लोग हमेशा याद रखेंगे।
चंद्रयान-3 मिशन
एस. सोमनाथ के नेतृत्व में इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया और चंद्रमा की सतह पर एक सुरक्षित लैंडिंग की। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी क्योंकि चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला भारत चौथा देश बना था। भारत ने ऐसा करके दुनियाभर में इतिहास रच दिया था।
IAF विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार
एस सोमनाथ को 2024 में IAF विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया था।
आदित्य-एल1 मिशन
आदित्य-एल1 मिशन को एस. सोमनाथ के नेतृत्व में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। आदित्य-एल1 मिशन भारत का पहला सौर मिशन है और इसका उद्देश्य सूर्य के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना और सूर्य के बाहरी आवरण और सौर गतिविधियों का पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभावों को समझना था।
मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान)
मार्स ऑर्बिटर मिशन एक ऐतिहासिक मिशन था जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा मंगल ग्रह की ओर भेजा गया था। इस मिशन में एस. सोमनाथ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व में PSLV-सी25 मिशन ने मंगलयान को सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में प्रवेश कराया था, जो भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
गगनयान कार्यक्रम
गगनयान कार्यक्रम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य मानव अंतरिक्ष मिशन को सफलता पूर्वक अंजाम देना है। इसके तहत एरोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसरो के मुताबिक 2024 में एक टेस्ट फ़्लाइट रोबोट को अंतरिक्ष में ले जाएगी। इसके बाद 2025 में अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाया जाएगा। एस सोमनाथ की इस कार्यक्रम में अहम भूमिका है, क्योंकि वे इसरो के प्रमुख हैं और गगनयान मिशन की योजना, विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
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