सार
ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सदगुरु ने वर्ल्ड सॉइल डे के मौके पर एक नए अभियान का आगाज किया। इस दौरान उन्होंने स्कोर फोर सॉइल मुहिम की घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस फुटबॉल वर्ल्डकप के सीजन में गौर करने वाली बात है कि हर पांच सेकंड में हम पृथ्वी पर से एक फुटबॉल जितनी ऊपजाऊ मिट्टी खो रहे हैं। इससे धरती को काफी नुकसान पहुंचा है।
बेंगलुरु. ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सदगुरु ने वर्ल्ड सॉइल डे के मौके पर एक नए अभियान का आगाज किया। इस दौरान उन्होंने स्कोर फोर सॉइल मुहिम की घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने कहा, ''इस फुटबॉल वर्ल्डकप के सीजन में गौर करने वाली बात है कि हर पांच सेकंड में हम पृथ्वी पर से एक फुटबॉल मैदान जितनी ऊपजाऊ मिट्टी खो रहे हैं। इससे धरती को काफी नुकसान पहुंचा है।"
लोगों से की यह अपील
उन्होंने कहा कि अब मिट्टी को संरक्षित करने का वक्त आ गया है। इस दौरान उन्होंने मिट्टी बचाने से जुड़ी इस मुहीम को दिलचस्प बनाने को लेकर लोगों से अपील की है। इसमें उन्होंने लोगों से अपने सबसे अच्छे फुटबॉल शॉट का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर स्कोर फॉर सॉइल संदेश के साथ पोस्ट करने को कहा है।
सोमवार को हुए संवाददाता सम्मेलन में सदगुरु ने कहा, "गौर करने वाली बात यह है कि पृथ्वी पर समस्याओ को लेकर नज़रिया बदलने लगा है। जब हमने शुरू किया था, तब काफी लोगो में संदेह था, पर अब कोई शक नहीं है कि मिट्टी पुनर्जीवित करने की नीतियां पूरे विश्व में जरूर सार्थक होगी । फिलहाल मुझे बस रफ़्तार को लेकर चिंता है। इस गति को बनाए रखने के लिए आप सबको आवाज़ उठाते रहना होगा।"
मोटरसाइकल चलाकर कार्यक्रम में पहुंचे
शहर में हुए संवाददाता सम्मेलन में मीडिया से रूबरू होने से पहले सद्गुरु स्वयं मोटरसाईकल चलाकर कार्यक्र्म स्थल पर पहुंचे। इस दौरान कई लोग सेव सॉइल की तख्ती के साथ उनका स्वागत करते हुए नजर आए।
युवाओं के मेंटल हेल्थ पर पड़ रहा असर
सद्गुरु ने आगे कहा, "वर्तमान में युवा पीढ़ी मानसिक रोगों का शिकार होने लगी है। इसकी वजह आहार में पोष्टिक तत्वों की कमी होना है। अगर मिट्टी में पोषक तत्त्व कम होंगे, तो खाद्यान्न की गुणवत्ता भी निम्न स्तर की ही होगी।"
देशभर में मिल रहा समर्थन
मिट्टी बचाओ आंदोलन को देशभर में अब समर्थन मिलने लगा है। भारत में अबतक सौ से अधिक जागरूकता अभियान चलाए गए हैं। उन्होंने लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए 100 एकदिवसीय यात्राएं की है। इसमें 30 हजार किमी की यात्रा शामिल है। उन्होंने यूरोप, मध्य एशिया, खाड़ी देशों समते 27 देशों के अलावा भारत के 11 प्रदेशों में मिट्टी संरक्षण का संदेश लोगों तक पहुंचाया है। इस अभियान के जरिए यूनियन ओफ़ कोनसर्वेशन ओफ़ नेशन्स (IUCN), संयुक्त राष्ट्र (UN), युनाईटेड नेशन्स कनवेण्शन टू कोम्बेट डिसर्टिफिकेशन ( UNCD ), वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम (WFP) जैसे इंटरनेशनल संगठन जुड़ चुके हैं।