सार

शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने दावा किया है कि पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न छीनने के लिए 2 हजार करोड़ रुपए की लेनदेन हुई है। चुनाव चिह्न को खरीदा गया है।

मुंबई। चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना का चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे गुट को दिए जाने के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाएगा। एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कहा है कि इस संबंध में कोर्ट द्वारा कोई फैसला सुनाए जाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट के नेता और सांसद संजय राउत ने सनसनीखेज दावा कर इस मामले में राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है।

संजय राउत ने रविवार को ट्वीट किया, "मुझे यकीन है। चुनाव चिह्न और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं। यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है। जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा। देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था।"

 

 

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शिवसेना के चुनाव चिह्न को खरीदा गया
संजय राउत ने कहा, “जिस तरह से शिवसेना नाम और शिवसेना की निशानी (चुनाव चिह्न) तीर-कमान हमसे छीन लिया वह न्याय नहीं है। वो सत्य नहीं है। यह एक व्यवहार और व्यापार हो गया है। खरीद लिया गया है। अब तक 2 हजार करोड़ रुपए की लेनदेन इस मामले में हुई है। सिर्फ शिवसेना ने चिह्न और नाम छीनने के लिए। ये मेरा प्राथमिक अंदाजा है। जो लोग विधायक खरीदने के लिए 50-50 करोड़ रुपए दाम लगाते हैं। सांसद खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए की बोली लगाते हैं। हमारे पार्षद और शाखा प्रमुख खरीदने के लिए एक करोड़ और 10 लाख दाम लगाते हैं। वो पार्टी का नाम और चिह्न खरीदने के लिए कितने की बोली लगा सकते हैं।”

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