सार
सऊदी अरब(Saudi Arabia) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) पर देश में एंट्री पर बैन लगा दिया है। सरकार ने इस सुन्नी धार्मिक संगठन को आतंकवाद का दरवाजा बताया है। बता दें कि पिछले साल जब भारत में कोरोना फैला था, तब भी यह जमात विवादों में आई थी।
नई दिल्ली. भारत के बाद सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने भी एक बड़ा फैसला लेते हुए सुन्नी मुसलमानों के धार्मिक संगठन तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) पर बैन लगा दिया है। इस अरब देश ने tweet के जरिये तब्लीगी जमात को देश के लिए एक खतरा बताया। इस्लामिक मामलों के मंत्री डॉक्टर अब्दुल लतीफ अल अलशेख ने देश के मौलानाओं को आदेश दिया कि वे मस्जिदों में शुक्रवार के उपदेश में इस बारे में लोगों को चेतावनी देना शुरू कर दें। पिछले साल कोरोना फैलने पर तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों ने सरकार का सहयोग नहीं करते हुए उपद्रव किया था। हालांकि भारत ने तब्लीगी जमात पर बैन नहीं किया है, लेकिन जून, 2020 में तब्लीगी जमात से जुड़े होने के कारण 2200 विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। अब ये लोग 10 साल तक भारत नहीं आ पाएंगे।
6 दिसंबर को मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर ने किया था tweet
तब्लीगी जमात पर बैन लगाने के संबंध में मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर ने 6 दिसंबर को tweet करके कहा था कि मस्जिदों से जमात के बारे में लोगों को अवगत कराया जाए। सऊदी अरब सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। उसका मानना है कि ये संगठन धार्मिक कार्यक्रमों की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
तब्लीगी जमात के बारे में
अगर भारत की बात करें, तो यह यह संगठन 1926 में अस्तित्व में आया था। तब्लीगी जमात एक सुन्नी इस्लामिक मिशनरी आंदोलन है। इस पर मुसलमानों को सुन्नी इस्लाम में लौटने और धार्मिक उपदेश देने की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगने लगे हैं। यह एक रूढ़िवादी संगठन है। भारत में मार्च, 2020 में जब कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की शुरुआत हुई थी। उसी दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। इनमें से ज्यादातर लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद यह जगह खाली कराई गई थी। इस जमात में शामिल हुए तमाम लोग अपने घर भी लौट गए थे। इसके बाद सभी राज्यों ने अपने अपने यहां तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों को खोजा था। इनमें से कई सदस्य संक्रमित मिल थे। इस दौरान तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों ने उपद्रव किया था।
यह भी जानें
अप्रैल, 2020 में तब्लीगी जमाती टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे, लेकिन धार्मिक आयोजन में शामिल हुए। यह वीजा नियमों का उल्लंघन है। मध्य मार्च में निजामुद्दीन स्थित मरकज में 67 देशों से आए करीब दो हजार से ज्यादा लोगों ने शिरकत की थी। जो मरकज में रह रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने मरकज को खाली करवाया था। जिसके बाद सभी को क्वारंटाइन कर दिया गया था। इस दौरान जांच के दौरान कई जमाती पॉजिटिव मिले थे। आरोप है कि जमातियों ने दिल्ली समेत देशभर में संक्रमण फैलाया था।
यह भी पढ़ें
पश्चिम बंगाल पुलिस V/s BSF: गवर्नर ने बताया इसे ममता का बहुत खतरनाक कदम; पढ़िए Exclusive Interview
loudspeakers in mosques:नमाज के वक्त लाउडस्पीकर से स्कूलों में न हो शोर, WB की एक मस्जिद ने लिया बड़ा फैसला
खुले में नमाज पढ़ने को लेकर सख्त हुए CM Manohar Lal Khattar, कहा- इसे किसी भी हाल में नहीं सहेंगे