सार
दिल्ली सरकार की 'कंट्रोवर्सियल शराब नीति' (New Excise Policy) में हुए घोटाले के एक आरोपी और शराब रिटेलर अमित अरोड़ा ने सनसनीखेज खुलासा किया है। एक वीडियो में अरोड़ा ने लिकर पॉलिसी की आड़ में ब्लैक मनी को व्हाइट करने और चुनाव में पैसा लगाने का खुलासा किया है।
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार की 'कंट्रोवर्सियल शराब नीति' (New Excise Policy) में हुए घोटाले की जांच कर रही CBI के आरोपी नंबर-9 यानी अमित अरोड़ा का सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। अमित अरोड़ा का एक वीडियो वायरल हुआ है। बता दें कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा नई लिकर पॉलिसी में करप्शन का मामला सामने आने के बाद CBI जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने नई लिकर पॉलिसी वापस ले ली थी। सुनिए इसमें उसने क्या कहा?
100 करोड़ एडवांस...
दिल्ली का जो है...विंडको और अमनदीप डल..उसके बाद इंडो स्पिरिटवाला..इसके बाद महादेव वाले..पैसे तो ये दे ही रहे थे..देखो जी ऐसा है...इंडो स्पिरट वाला तो 100 करोड़ एडवांस देकर बैठे थे। वो तो कहते ही थे कि 100 रुपए(करोड़) की ज्वाइनिंग की है। वो सबको बोलता था कि सबसे बड़ा धंधा उसी के पास था। 100 रुपए की ज्वाइनिंग में भी ये भी ब्लैक और व्हाइट करने का धंधा है। अगर आप आज 100 रुपए किसी को एडवांस में दे दो। वापस आ रहे हैं सब व्हाइट में। अगर मेरे पास कैश पड़ा है, और मैंने आपको दे दिया। फिक्स मार्जन दे दिया, उसके बाद मेरे पास पैसा आता रहेगा।
पंजाब-गोवा इलेक्शन में खपाई 100 करोड़ की ब्लैक मनी
अमित अरोड़ा का कहना है कि ये 100 करोड़ा इन्होंने(AAP) ने इलेक्शन में लगा दिए। यह पैसा पंजाब इलेक्शन और गोवा इलेक्शन में लगाया गया। लेकिन अब वो पैसा वापस आ रहा है। पहली पॉलिसी है, जिसके अंदर लिख दिया कि आपको इस पैसे का 12 परसेंट देना ही पड़ेगा। ऐसा धंधा तो मैंने अपनी जिंदगी में आज तक नहीं देखा। पूरे हिंदुस्तान में कहीं दिखा दो 5 करोड़ का लाइसेंस हो। क्यों कर दिया? ताकि छोटा प्लेयर एग्जिस्ट न करे। यहां 10-12 लोगों ने लिया, 4 छोड़ गए...3 छोड़ गए क्यों? क्योंकि छोटे प्लेयर को 5 करोड़ की फीस ही नहीं आ सकती, कभी, क्योंकि बिजनेस तो 80 प्रतिशत के पास चला गया। प्लानिंग ये थी कि सारा बिजनेस इन चारों के पास आ जाए। अमित अरोड़ा ने घोटाले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की भूमिका पर कहा-अब देखो जी सिंपल सी बात है...ये कम से कम नहीं तो 3-4 हजार करोड़ तो ये होलसेल पर कर(कमाई) गए...उसके अंदर मरे-मरे 3-400-500 करोड़ तो बना ही लिया होगा। उस लायक हैं, इतना सबको पता है। इतना तो कॉमनसेंस की बात है।
अमनदीप डल, 60-70 करोड़ जो मार्केट में है...
अमित अरोड़ा ने अमनदीप डल का लेकर कहा-60-70 करोड़ जो मार्केट में है, उसने अमनदीप डल ने दिए। क्योंकि हर आदमी बोलता था कि हमें भी धंधा दो। ऐसे ही महादेव लिकर है। महादेव लिकर ने भी इतने ही पैसे दिए, 50 करोड़। इसके बिना धंधा भी नहीं मिल सकता। वैसे ही डिवांस स्पिरट है। उसका धंधा इनसे थोड़ा सा छोटा था, तो उसने 30 करोड़ रुपए दिए। ये तो सिर्फ ऐसा है कि मैं आपको बता रहा हूं कि अगर आप एक्साइज में जाकर आंख बंद करके भी पत्थर मार दो, उसको भी पता है...हर आदमी को पता है ये बात कि इसमें तो कुछ है ही नहीं..ऐसा तो सुना ही नहीं था आज तक कि ऐसा भी हुआ है।
दो आदमियों को सारा धंधा दे दिया
अमन डल और एक अनंत वाइन..दो आदमियों को 10 हजार करोड़ रुपए का धंधा दे दिया, कैसे दे दिया जी? आप बताओ हरियाणा के अंदर पॉलिसी है, एक शहर में छह कंप्टीशन होते हैं। कोई रीजन तो बताओ, क्यों दो आदमियों को 10 हजार करोड़ का धंधा दे दिया? ये दो आदमी ही क्यों करेंगे? कस्टमर के लिए तो कंप्टीशन अच्छी बात है। लोग कहते हैं कि कंप्टीशन क्रियेट करो और आप कह रहे कि रेस्ट्रीक्शन क्रिएट करो। ऐसी रेस्ट्रीक्शन क्रियेट कर दी, दो आदमियों को सारा धंधा दे दिया। आज की डेट में अमन डल पंजाब में जिसका चाहें, उसका धंधा बंद करा सकते हैं। जिसको ये माल न दें, उसकी दुकान बंद हो जाएगी। पंजाब के किसी भी रिटेलर से, जो बताने की हिम्मत करे, उससे पूछ लो। वहां भी सेम है। जब हिसाब-किताब सबकुछ सेम है, तो चेंज कैसे होगा? सबकुछ सेम है उसके अंदर।
मैं दिनेश अरोड़ा नहीं हूं जी
इस मामले अपना नाम आने पर अमित अरोड़ा ने तर्क दिया-मैं तो रिटेलर हूं। मैं तो दिनेश अरोड़ा को जानता था। मेरे को लोग दिनेश अरोड़ा बोलते हैं। लेकिन मेरा नाम अमित अरोड़ा है जी। मैं दिनेश अरोड़ा नहीं हूं। मुझे कोई धंधा नहीं मिला। मुझे एक परसेंट का भी धंधा नहीं मिला। मेरे पास जो रिटेल का धंधा है, वो हाईकोर्ट से मिला है। दिल्ली हाईकोर्ट से केस जीतकर लाया हूं। मेरे पास और कोई बिजनेस नहीं है। मेरा नाम डाल दिया, तो इन्क्वायरी(CBI जांच) ज्वाइन कर ली।
पॉलिसी बनाने में सारा काम विजय नायर का था
पॉलिसी बनाने में तो सारा काम विजय नायर का था। समीर महेंद्रू का था, अमन डल का था। मैडम चड्ढा का था और एक अरुण पिल्लई था। अमनदीप डल..उसके बाद इंडो स्पिरिटवाला..महादेव वाले इन सबने मिलकर पॉलिसी बनाई। इसके बाद इन्होंने 6 परसेंट का गेम खेला और सबको(छोटे रिटेलर) मार दिया।
अब समझें क्या है मामला
जांच एजेंसी(CBI) ने एक्साइज पॉलिसी 2021-22 बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत 17 अगस्त को दर्ज अपनी प्राथमिकी में 15 लोगों का नाम लिया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग है। सीबीआई ने एफआईआर में सिसोदिया के अलावा तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायी और दो कंपनियों को आरोपी के रूप में नामजद किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से भेजे गए उपराज्यपाल वी के सक्सेना के कार्यालय से एक संदर्भ पर FIR दर्ज की गई थी।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया और अन्य आरोपी लोक सेवकों ने निविदा के बाद लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एक्साइज पॉलिसी 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और निर्णय लिया। मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल और इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू सक्रिय रूप से पिछले साल नवंबर में लाई गई एक्साइज पॉलिसी बनाने और लागू करने से जुड़ी अनियमितताओं में शामिल थे।
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