सार

दिल्ली में पिछले दिनों हुई हिंसा के मास्टरमाइंड ताहिर हुसैन से दिल्ली पुलिस पूछताछ कर रही है। वहीं, अब ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम पर आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या कराए जाने का संदेह है। जिसके कारण उसको भी हिरासत में लिया गया है। 

नई दिल्ली. संशोधित नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुई हिंसा के दौरान आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या हुई थी। इस मामले में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन पर हत्या कराने जाने के आरोप हैं। दिल्ली पुलिस ताहिर को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है। वहीं, अब ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम को भी हिरासत में लिया गया है। 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक ताहिर से पूछताछ के दौरान अंकित की हत्या में उसके भाई शाह आलम की भूमिका भी सामने आई है। जिसके बाद दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने यह कार्रवाई की है। 

सरेंडर करने से पहले हुआ गिरफ्तार 

दिल्ली हिंसा में ताहिर का नाम आने के बाद ताहिर फरार चल रहा था। जिसकी तलाश पुलिस कर रही थी। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए ताहिर ने दिल्ली के एक कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। जिस पर गुरुवार को सुनवाई होनी थी। बताया जा रहा था कि ताहिर ने इसी दौरान कोर्ट में सरेंडर करने का निर्णय लिया था। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसके सरेंडर करने से पहले ही कोर्ट परिसर के बाहर से धर दबोचा था। जिसके बाद कोर्ट ने उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 

हिंसा के दौरान हुई अंकित की हत्या हुई थी

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर पूर्व दिल्ली में भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी। इसी दौरान आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या हुई। अंकित के पिता ने हत्या को लेकर ताहिर पर एफआईआर दर्ज कराई थी। ताहिर को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि उसके शरीर पर 400 से अधिक बार नुकीले हथियार से हमला किया गया था। अंकित को मौत के घाट उतारने के बाद उसके शव को नाले में फेंक दिया गया था। जिसके बाद हिंसा की आग शांत हुई तो अंकित का शव नाले से निकाला गया था। 

ताहिर की फैक्ट्री में मिले थे पेट्रोल बम 

हिंसा के बाद पुलिस ने जांच के दौरान ताहिर के चांदबाग स्थित कार्यालय से तेजाब, पत्थर और पेट्रोल बम बरामद किए थे। दंगों के वक्त के कई वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें ताहिर की छत से उपद्रवी लोगों पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंकते हुए दिखाई दिए थे।

6 दिन तक रहा फरार 

दिल्ली पुलिस द्वारा 5 मार्च को गिरफ्तार किए जाने से पहले ताहिर हुसैन 6 दिन तक फरार रहा। इस दौरान मुस्तफाबाद में रहने वाले 3-4 लोगों ने पुलिस से बचने में उसकी मदद की। क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने शनिवार को कहा कि चांद बाग में हिंसा के दौरान इन लोगों ने हुसैन की पुलिस से छिपे रहने में मदद की थी। ये सभी लोग मुस्तफाबाद के रहने वाले हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस ताहिर के मददगार रहे लोगों पर निगरानी रख रही है। जल्द ही इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

दिल्ली में 3 दिनों तक हुई थी हिंसा 

दिल्ली के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र के करावल नगर, मुस्तफा बाद, मौजपुर समेत अन्य इलाकों में भयंकर हिंसा हुई थी। हिंसा की शुरूआत 23 फरवरी को हुई थी। जो 25 फरवरी देर शाम तक चली। पुलिस ने 25 फरवरी को हिंसा पर काबू पाया। जिसके बाद दिल्ली के इलाके में शांति लौटी। इस हिंसा में मरने वालों की संख्या 53 तक पहुंच गई है, जिसमें दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रत्नलाल और आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा शामिल हैं।