सार

राष्ट्रपति चुनाव में गुजरात के NCP विधायक कांधल जडेजा ने क्रॉस वोटिंग की है। शरद पवार की पार्टी के विधायक कांधल एस जडेजा का दावा है कि उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जगह द्रौपदी मुर्मू को वोट दे दिया है। आखिर कौन हैं कांधल जडेजा जो पहले भी रहे विवादों में 

President Election 2022: देश के 15वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोटिंग चल रही है। इसी बीच, गुजरात में NCP के विधायक कांधल जडेजा ने क्रॉस वोटिंग कर दी है। गुजरात से शरद पवार की पार्टी के विधायक कांधल एस जडेजा ने यशवंत सिन्हा की जगह द्रौपदी मुर्मू को वोट दे दिया है। वहीं ओडिशा और यूपी में भी नाराज कांग्रेस विधायकों का दावा है कि उन्होंने क्रॉस वोटिंग करते हुए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया है। आइए जानते हैं गुजरात से एनसीपी सांसद कांधल एस जडेजा को, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की। 

कौन हैं कांधल जडेजा?
कांधल जडेजा गुजरात के पोरबंदर जिले की कुटियाना विधानसभा सीट से NCP के विधायक हैं। कांधल जडेजा 2012 से विधायक हैं। वो कड़छ गांव की लेडी डॉन संतोकबेन जडेजा के बेटे हैं। कांधल जडेजा के तीन भाई हैं, जिनके नाम करनभाई, कान्हाभाई और भोजाभाई हैं। कांधल जडेजा को उनके पॉपुलर कार नंबर 0050 और भाई नाम से भी जाना जाता है। 

जब पुलिस को चकमा देकर अस्पताल से भागे जडेजा : 
2007 में कांधल जडेजा को पुलिस ने एक केस में गिरफ्तार किया था। इस दौरान वो तब पुलिस की गिरफ्त से भाग गए थे, जब राजकोट के एक अस्पताल में उन्हें इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। दरअसल, कांधल जडेजा को गुजरात पुलिस ने 2005 में पूर्व पार्षद रहीं एक महिला के मर्डर केस में गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में कांधल को 2009 में पुणे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया था। 

कोर्ट ने सुनाई 18 महीने जेल की सजा :
2007 में एक मर्डर केस के मामले में गिरफ्तारी के बाद पुलिस हिरासत से भागने के आरोप में राजकोट की अदालत ने कांधल जडेजा को अप्रैल, 2022 में 18 महीने कैद की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया था। हालांकि, जडेजा फिलहाल जेल से बाहर ही हैं, क्योंकि 2009 में फिर से गिरफ्तारी के बाद वो इसी केस में 19 महीने की सजा काट चुके हैं।

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