सार
गुजरात की रहने वाली 13 साल की भाविका माहेश्वरी (bhavika maheshwari) ने एनडीए की प्रेसीडेंट कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू (Draupadi murmu) पर पहली किताब लिखी है। भाविका इससे पहले भी कई अच्छे कार्यों के लिए चर्चा में आ चुकी हैं।
नई दिल्ली. राष्ट्रपति पद के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू की जीवनी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। एनडीए ने उन्हें उम्मीदवार बनाया तो उनकी सख्शियत देखकर कई विपक्षी दलों ने भी समर्थन देने का ऐलान कर दिया। द्रौपदी मुर्मू की जिंदगी से प्रेरित होकर गुजरात की रहने वाली 13 वर्षीय भाविका माहेश्वरी ने उन पर एक किताब लिखी है। किताब में भाविका ने बेहद सरल तरीके से द्रौपदी मुर्मू के जीवन के बारे में लिखा है।
संघर्ष से शिखर तक
भाविका माहेश्वरी ने जो किताब लिखी है, उसका नाम संघर्ष से शिखर तक है। भाविका ने किताब की प्रतियां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजी है। साथ ही एक मैसेज भी भेजा है कि आप द्रौपदी मुर्मू को वोट दें और आदिवासी समाज और महिलाओं का सम्मान करते हुए देश के सामने मिसाल कायम करें। भाविका ने हाल ही में अपने राष्ट्रपति भवन के दौरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि झुग्गी में रहने वाली मुर्मू अब शानदार राष्ट्रपति भवन में रहेंगी। भाविका का मानना है कि यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है कि जमीनी लोगों को उच्च पदों तक पहुंचने का पूरा मौका मिलता है।
क्यों लिखनी पड़ी किताब
राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू पर किताब लिखने के पीछे भी दिलचस्प कहानी है। भाविका ने कहा कि जब उन्होंने मुर्मू का नाम सुना तो इंटरनेट पर सर्च करने लगीं। लेकिन उन्हें द्रौपदी मुर्मू के बारे में, उनके जीवन संघर्ष के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी। इसलिए उन्हें यह आइडिया आया कि क्यों न एक किताब लिखी जाए, ताकि देश के सर्वोच्च पद के लिए चुनाव लड़ने वाली महिला के संघर्षों को भी लोग जान सकें। भाविका ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद किताब का विमोचन किया जाएगा। इसे हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और उड़िया भाषाओं में प्रकाशित किया जाएगा।
रामभक्त भी हैं भाविका
भाविका माहेश्वरी का नाम कुछ समय पहले ही सुर्खियों में आया जब उन्होंने रामायण पाठ करके करीब 50 लाख रुपए जुटाए। यह धनराशि भाविका ने राम मंदिर निर्माण के लिए दान दे दी। भाविका ने 4 रामकथाएं करके यह धनराशि जमा की थी। दरअसल, भाविका ने लॉकडाउन के दौरान स्कूली शिक्षा के साथ-साथ भगवद गीता का पाठ करके राम भक्ति की एक अनोखी मिसाल पेश की। रामायण का पाठ करने वाली लड़की के नाम से मशहूर भाविका को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
यह भी पढ़ें