सार
राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। अब शिवसेना ने भी चल रहे इस सियासी ड्रामे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र सामना में सचिन पायलट की तुलना चूहे से की है।
मुंबई. राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। अब शिवसेना ने भी चल रहे इस सियासी ड्रामे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र सामना में सचिन पायलट की तुलना चूहे से की है। साथ ही इसमें कहा गया है कि पायलट अशोक गहलोत से लड़ाई लड़कर मुख्यमंत्री पद हासिल करना चाहते हैं।
सामना के संपादकीय में लिखा, राजस्थान विधानसभा चुनाव में मोदी और शाह ने एक विशाल कार्यक्रम के जरिए और तूफान खड़ा कर सत्ता पानी चाही। लेकिन लोग कांग्रेस को चाहते थे।
जीत के लिए पायलट ने बड़ी मेहनत की
शिवसेना ने लिखा, इस जीत के लिए बेशक पायलट ने बड़ी मेहनत की। लेकिन आज जब पार्टी मुश्किल में है, तो उन्हें नाव से कूदकर भागने वाले चूहे की तरह काम करके खुद को कलंकित नहीं करना चाहिए।
गलवान की शहादत भूल भाजपा खरीद फरोख्त में लगी
राजस्थान के राजनीतिक संकट के लिए शिवसेना ने पुराने सहयोगी भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। शिवसेना ने लिखा, भाजपा गलवान में सैनिकों की शहादत भूलकर खरीद फरोख्त में जुटी है। एक तरफ जहां देश कोरोना संकट से जूझ रहा है तो वहीं, भाजपा ने अलग उपद्रव मचाया है। इसी तरह भाजपा ने मध्यप्रदेश में सरकार गिराई। लेकिन राजस्थान में यह संभव नहीं दिखता।
लड़ाई लड़कर सीएम पद चाहते हैं पायलट
सामना में लिखा, पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। हालांकि, वे उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे युवा हैं। उनके पास भविष्य में मौका है। लेकिन गहलोत द्वेष में भविष्य नहीं है। वे गहलोत से लड़ाई लड़कर मुख्यमंत्री पद चाहते हैं। हालांकि, यह कदम उनके लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। पायलट का अहंकार राजस्थान सरकार को अस्थिर कर रहा है। लेकिन केंद्र सरकार के साथ के बिना यह संभव नहीं है।