सार
शिवसेना ने पहले ही कहा है कि सरकार अगर नागरिकता बिल पर उनकी शंकाओं को दूर नहीं करती है तो वे बिल का विरोध करेंगे।
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में जारी चर्चा के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ी राहत की खबर है। शिवसेना ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। शिवसेना ने वॉकआउट करने के साथ बीजेपी को एक तरह से वोट बैंक के चलते फायदा ही पहुंचाया है। वोटिंग से पहले ही पार्टी ने वॉक आउट कर दिया।
राज्यसभा में अपना पक्ष रखते हुए शिवसेना सांसद ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दिए थे। सरकार पर हमला करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हमें राष्ट्रवाद पर किसी की सर्टिफिकेट नहीं चाहिए, उन्होंने कहा कि जिस स्कूल में आप पढ़ाते हो, हम उस स्कूल के हेडमास्टर हैं।
शिवसेना ने किया वॉकआउट
शिवसेना ने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया और कांग्रेस के दवाब में आकर सदन से वॉक आउट कर दिया। शिवसेना ने पहले ही कहा है कि सरकार अगर नागरिकता बिल पर उनकी शंकाओं को दूर नहीं करती है तो वे बिल का विरोध करेंगे।
कांग्रेस के दबाव में लिया फैसला
महाराष्ट्र में कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के साथ शिवसेना ने गठबंधन की सरकार बनाई है। गठबंधन का असर केंद्र की राजनीति में देखने को मिल रहा है। लोकसभा में जहां शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) का साथ दिया, वहीं अब राज्यसभा में केंद्र के पक्ष में वोटिंग न करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि शिवसेना कांग्रेस के दबाव में ऐसा कर रही है। इसी बीच शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा है कि शिवसेना के पास अपनी विचारधारा है। नागरिकता संशोधन विधेयक पर जो भी शिवसेना फैसला करेगी, वह जनता के भले के लिए होगा। शिवसेना की सहयोगियों के साथ कोई असंतुष्टि नहीं है। शिवसेना पर कांग्रेस का दबाव नहीं है।
देशभक्ति का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए
संजय राउत ने बिल पर सवाल उठाते हुए कहा कि मजबूत पीएम और होम मिनिस्टर से हमारी आशा है। क्या इस बिल के पास होने के बाद आप घुसपैठियों को बाहर करेंगे, अगर आप शरणार्थियों को स्वीकार करते हैं तो उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्या उनको वोटिंग का अधिकार मिलेगा। बीजेपी की तीखी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि मैं कल से सुन रहा हूं कि जो इस बिल का समर्थन नहीं करते हैं वे एंटी नेशनल हैं और जो इसका सपोर्ट करते हैं कि वे राष्ट्रवादी हैं। संजय राउत ने कहा कि शिवसेना को देशभक्ति का ऐसा सर्टिफिकेट किसी से नहीं चाहिए।