सार

पूरे देश में इस समय दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस की चर्चा हो रही है। इस हत्या को कातिल आफताब ने इतने शातिर तरीके से अंजाम दिया कि पुलिस को भी कत्ल की कड़ियां जोड़ने और सबूत जुटाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसी बीच, पता चला है कि कत्ल के बाद खून के धब्बे छुपाने के लिए आफताब ने एक नायाब तरीका निकाला था।

Shraddha Murder Case: पूरे देश में इस समय दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस की चर्चा हो रही है। इस हत्या को कातिल आफताब ने इतने शातिर तरीके से अंजाम दिया कि पुलिस को भी कत्ल की कड़ियां जोड़ने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। पुलिस पूछताछ में आफताब का कहना है कि उसे इस कत्ल के लिए जरा भी अफसोस नहीं है और वो हर रात जेल में चैन की नींद सोता है। बता दें कि आफताब इतना शातिर है कि उसने श्रद्धा का कत्ल करने के बाद खून के धब्बे छुपाने के लिए एक नायाब तरीका निकाला था। 

खून के धब्बे मिटाने आफताब ने किया ये काम : 
दिल्ली पुलिस ने जब आफताब को गिरफ्तार कर उसके फ्लैट की तलाशी ली तो वहां खून के धब्बों के निशान जानने के लिए बेंजीन नाम का एक केमिकल डाला था। इस केमिकल की खासियत ये होती है कि जहां भी खून गिरा होता है, वहां इसे डालने पर वो जगह लाल हो जाती है। चूंकि, शातिर दिमाग आफताब पहले ही ये बात जानता था, इसलिए उसने कत्ल के बाद जहां लाश के टुकड़े किए थे, उस जगह को पहले अच्छी तरह धोया। उसके बाद खून के निशान मिटाने के लिए किसी ऐसे केमिकल का इस्तेमाल किया, जिस पर बेंजीन का भी कोई असर नहीं होता है। यहां तक कि फ्रिज में भी बेंजीन टेस्ट करने पर खून के धब्बे नहीं मिले। 

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10 घंटे में किए श्रद्धा की लाश के 35 टुकड़े : 
आफताब ने पूछताछ में इस बात को कुबूल किया है कि उसने आरी से लाश के 35 टुकड़े किए। ये करने में उसे 10 घंटे का समय लगा। टुकड़े करने के बाद उसने उन्हें पानी से अच्छी तरह धोया और फिर पॉलिथिन में लपेटकर फ्रिज में रख दिया। बता दें कि इसके बाद हर रोज रात 2 बजे के बाद वो इन टुकड़ों को एक-एक करके महरौली के जंगल में अलग-अलग जगह फेंकता रहा। ऐसा उसने लगातार 18 दिनों तक किया। 

लाश को ठिकाने लगाने के लिए इंटरनेट पर करता था सर्च : 
आफताब ने कत्ल के बाद लाश को ठिकाने लगाने का आइडिया इंटरनेट पर सर्च किया था। इसके साथ ही वो अमेरिकी क्राइम सीरिज 'डेक्स्टर' भी देखता था, जिससे उससे बचने के नए-नए आइडिए आते थे। यहीं से उसने पुलिस को चकमा देने का प्लान बनाया। हालांकि, उसका प्लान उसे कुछ दिनों तक तो बचा पाया, लेकिन बाद में वो पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। 

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कैसे पुलिस ने आफताब को दबोचा?
दरअसल, आफताब ने 18 मई की रात को श्रद्धा की हत्या की थी। कत्ल के बाद उसने श्रद्धा के अकांउट से अपने खाते में 54 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। इसी से उसने लाश के टुकड़े छुपाने के लिए फ्रिज और बाकी सामान खरीदा था। श्रद्धा की हत्या के कई दिनों बाद तक उसका मोबाइल चालू था। दूसरी ओर पुलिस ने श्रद्धा के पिता की शिकायत के बाद आफताब का फोन सर्विलांस पर डाला था। मर्डर के बाद लाश के टुकड़ों को ठिकाने के लिए रोज रात को उसके मोबाइल की लोकेशन महरौली के जंगल के आसपास मिलती थी। इससे पुलिस का शक यकीन में बदल चुका था कि कातिल यही है। 

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