सार

सिब्बल ने कहा, “हमें चीन के साथ उच्चतम स्तर पर बातचीत करनी होगी क्योंकि हमारे संबंधों के बीच कुछ बड़े मुद्दे हैं। हम एशिया पर आधिपत्य संबंधी चीन की आकांक्षाओं से अवगत हैं, और यह न सिर्फ हमारे लिए बल्कि भूमि एवं समुद्र में अन्य के लिए भी चुनौती खड़ी करता है।”
 

नई दिल्ली. पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा है कि भारत को सीमा सहित अन्य मुद्दों को हल करने के लिए चीन के साथ “उच्चतम स्तर” पर काम करने की जरूरत है। ‘मोदी 2.0 : नये भारत के लिए कूटनीति’ विषय पर पैनल चर्चा के दौरान यहां एक जनसभा को मंगलवार को संबोधित करते हुए सिब्बल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का रुख द्विपक्षीय संबंधों के प्रबंधन का रहा है ताकि, “हमारे मतभेद विवाद का रूप न ले लें।”

सिब्बल ने कहा, “हमें चीन के साथ उच्चतम स्तर पर बातचीत करनी होगी क्योंकि हमारे संबंधों के बीच कुछ बड़े मुद्दे हैं। हम एशिया पर आधिपत्य संबंधी चीन की आकांक्षाओं से अवगत हैं, और यह न सिर्फ हमारे लिए बल्कि भूमि एवं समुद्र में अन्य के लिए भी चुनौती खड़ी करता है।”

उन्होंने कहा इसके बावजूद हमने (भारत) इसको संभालने की कोशिश की है और यह चेन्नई-महाबलीपुरम कार्यक्रमों से स्पष्ट होता है जब दोनों तरफ के नेताओं ने मुलाकात की थी। पूर्व विदेश सचिव ने कहा, “इसका मकसद हमारे संबंधों में मतभेदों का दूर करना और तनाव नियंत्रित करना है तथा हमारे मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना है।”

बाद में श्रोताओं के साथ बाचतीत में उन्होंने कहा कि वह सीमा मुद्दों के संबंध में भारत-चीन के रिश्तों को लेकर दिए गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान से सहमत हैं।

सोमवार को पूर्वी लद्दाख में एक कार्यक्रम में सिंह ने कहा था कि भारत और चीन “सद्भवनापूर्ण रिश्ते” साझा करते हैं और सीमा मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच “अनुभव संबंधी मतभेद” हैं लेकिन दोनों तरफ से बड़ी परिपक्वता और जिम्मेदारी के साथ इसको संभाला गया है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)