सार

एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एसआईटी का दावा है कि सीतलवाड़ ने लाखों का हेरफेर किया है। इसके साथ ही कई और खुलासे हुए हैं। 

नई दिल्ली. गुजरात दंगे 2002 की जांच कर रही विशेष जांद दल (SIT) ने सोशल वर्कर तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर बड़े खुलासे किए हैं। तीस्ता पर यह भी दावा किया गया है कि तत्कालीन मोदी सरकार को फंसाने और सरकार गिराने तक की साजिश में तीस्ता की मिलीभगत थी। इसमें कांग्रेस के दिवगंत नेता अहमद पटेल का नाम भी आया है, जिसमें दावा किया गया है कि पटेल की ओर से तीस्ता को पैसे भी मिले थे। आप भी जानें एसआईटी ने और क्या खुलासे किए हैं...

एसआईटी ने किया जमानत का विरोध
तीस्ता सीतलवाड़ और श्रीकुमार की दायर जमानत याचिका का विरोध करते हुए एसआईटी ने दो गवाहों का हलफनामा दायर किया है। जिसमें दावा किया है कि गुजरात की छवि खराब करने की साजिश तत्कालीन राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के दिवगंत नेता अहमद पटेल के इशारे पर रची गई थी। हलफनाम के अनुसार तीस्ता सीतलवाड़ ने अहमद पटेल के साथ मीटिंग की और 5 लाख रुपए लिए। यह पैसे पटेल के कहने पर एक गवाह ने सीतलवाड़ को दिए थे।

दंगों के तुरंत बाद दिए पैसे
एसआईटी के हलफनामे में दावा किया गया है कि अहमदाबाद के शाहीबाग में सर्किट हाउस में मिले, जहां इन्हें पटेल से 25 लाख रुपए और मिले थे। यह पैसा राहत कार्य के लिए नहीं थे। जबकि यह पैसा गुजरात राहत समिति के नाम पर लिया गया। उस बैठक में कई नेता मौजूद थे। दावा किया गया है कि गोधरा ट्रेन की घटना के एक सप्ताह के भीतर तीस्ता ने राहत शिविरों का दौरा किया। फिर राजनीतिक पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की। दंगे के 4 महीने बाद ही दिल्ली में वे गुप्त तरीके से संजीव भट्ट व पटेल के साथ मुलाकात की थी।

राज्यसभा जाने की तमन्ना
एसआईटी ने यह भी आरोप लगाया कि 2007 में तीस्ता सीतलवाड़ को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। जांच एजेंसी ने कहा कि वे किसी भी हाल में राज्य सभा  जाना चाहती थीं। एक गवाह का हवाला देते हुए एसआईटी ने कहा कि तीस्ता ने एक नेता से पूछा था कि जब शबाना आजमी और जावेद अख्तर को सांसद बनाया जा सकता है तो उन्हें क्यों नहीं।  ॉ

गुजरात सरकार गिराने का दावा
राज्य सरकार को अस्थिर करने के राजनीतिक मकसद के दावे को पुष्ट करने के लिए हलफनामे में 2006 में पंचमहल के पंडारवाड़ा में दंगा पीड़ितों के शवों को निकालने के बाद दिए गए सीतलवाड़ के बयान का भी हवाला दिया गया है। तब सीतलवाड़ ने मीडिया से कहा था कि गुजरात सरकार को 3 दिन में इस्तीफा देना होगा।

गलत तरीके से पैसा जुटाने का आरोप
एसआईटी की ओर से दिए गए हलफनामे में गुलबर्ग सोसाइटी के निवासी फिरोजखान पठान की एफआईआर की जांच के दौरान सामने आए व्यक्तिगत उपयोग के लिए धन के दुरपयोग का भी उल्लेख किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि सीजेपी के आईडीबीआई बैंक खाते में 63 लाख रुपए और यूनियन बैंक आफ इंडिया के सबरंग ट्रस्ट के खाते में 88 लाख रुपए जमा किए गए।

बिट्ठलभाई से लिखित शिकायत पर साइन की मांग
हलफनामे में यह भी उल्लेख किया गया है कि सीतलवाड़ ने पूर्व मंत्री हरेन पांड्या के पिता विट्ठलभाई पांड्या के संपर्क में रहने की कोशिश की। उसने उसे अपने एनजीओ सिटिजन फार जस्टिस एंड पीस में शामिल कराने की भी कोशिश की थी। एसआईटी ने कहा कि उसने सोहेल तिर्मिजिल के कार्यालय में एक शिकायत तैयार की। इस पर साइन करने से इनकार विट्ठलभाई ने इनकार कर दिया था। क्योंकि उन्हें लगा कि शिकायत में निर्दोष लोगों का भी नाम है।

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