सार

हैदराबाद में डॉक्टर से गैंगरेप फिर हत्या के मामले में सभी आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया गया। पुलिस कार्रवाई के बाद साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि दिशा रेप केस में चारों आरोपियों का एनकाउंटर किया गया। 

नई दिल्ली. हैदराबाद में डॉक्टर से गैंगरेप फिर हत्या के मामले में सभी आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया गया। पुलिस कार्रवाई के बाद साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि दिशा रेप केस में चारों आरोपियों का एनकाउंटर किया गया। चारों को सुबह करीब 5 बजे क्राइम सीन पर सबूत जुटाने और पीड़िता का मोबाइल खोजने के लिए ले जाया गया था। साथ में 10 पुलिसवाले थे। क्राइम सीन पर पहुंचने के बाद आरोपियों ने पुलिस की बंदूक छीनने की कोशिश की। पुलिस पर धारदार हथियार और पत्थर से हमला किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने चेतावनी देने के बाद फायरिंग की, जिसमें सभी आरोपी मारे गए।  

"सुबह 5.40- 6.15 बजे के बीच एनकाउंटर"

पुलिस ने बताया कि सुबह 5.40 से 6.15 के बीच एनकाउंटर हुआ। सबसे पहले आरोपी मोहम्मद आरिफ ने हमला किया। आरोपियों के शवों की डीएनए जांच कराई जा रही है, जांच के बाद शव परिवार को सौंप देंगे। आर्म्स एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया।

"सबूत जुटाने और फोन खोजने गए थे"

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने दिशा का फोन झाड़ी में छिपाया था। दिशा को पहले मारा गया, फिर जलाया गया। पुलिसवालों के सिर में चोट लगी है। लकड़ी और धारदार हथियार से आरोपियों ने हमला किया। एसआई और एक कॉन्स्टेबल को चोट लगी है। हम सबूत जुटाने फोन खोजने क्राइम सीन पर गए थे।

"10 पुलिसवाले साथ थे" 
उन्होंने बताया कि आरोपियों के साथ 10 पुलिसवाले गए थे। मारे गए आरोपियों पर कर्नाटक तेलंगाना में भी कई मामले दर्ज हैं। इन आरोपियों का नाम कई अन्य केस से भी जुड़ा है, इसकी जांच चल रही है। 

"20-20 साल के तीन आरोपी, एक 26 साल का"

पुलिस ने बताया कि तीन आरोपी 20 साल के थे और एक 26 साल का था। आरिफ और चिंताकुटा ने हथियार छीनने की कोशिश की, तभी उन्हें चेतावनी के बाद गोली मारी गई। 

एनकाउंटर पर पक्ष और विरोध में किसने क्या कहा?

पक्ष में  

स्मृति ईरानी- रेप के मामलों पर राजनीति ना हो

आरोपियों के खिलाफ पुलिस की इस कार्रवाई की सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में कहा, "कोई भी जघन्य अपराध करता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। रेप के मामलों पर राजनीति ना हो, रेप को राजनीतिक हथियार बनाया जाता है। बंगाल चुनाव में फायदे के लिए रेप को मुद्दा बनाया गया। मालदा की घटना पर विपक्ष चुप क्यों? उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ ऐसे जघन्य अपराधों पर राजनीति बंद होनी चाहिए। इस दौरान लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ।"

मायावती- यूपी पुलिस को हैदराबाद से सीखना चाहिए

मायावती ने यूपी पुलिस को घेरा है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, "मेरी पार्टी के लोगों को भी हमने जेल भेजा था, जिनपर किसी तरह के आरोप लगे थे। मेरा उत्तर प्रदेश की सरकार से कहना है कि हैदराबाद की पुलिस से यूपी पुलिस को सीख लेनी चाहिए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"

सीएम भूपेश बघेल- पुलिस के पास कोई दूसरा ऑपशन नहीं बचता

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "जब आरोपी भागने की कोशिश करते हैं तो पुलिस के पास कोई दूसरा ऑपशन नहीं बचता। ये कहा जा सकता है कि इस मामले में न्याय मिल गया है।"

शिवराज सिंह चौहान- देश ने अब राहत की सांस ली है
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, "देश ने अब राहत की सांस ली है। जिसने जैसा किया, उसके साथ वैसा हुआ। अब लग रहा है न्याय हुआ है।"

विरोध में  

BJP सांसद मेनका गांधी- "बंदूक उठाओ और जिसको भी मारना है मारो" :   

भाजपा सांसद मेनका गांधी ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, "जो भी हुआ है बहुत भयानक हुआ है इस देश के लिए। आप कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं। उन्हें (दोषियों) कोर्ट फांसी की सजा देती। उन्होंने कहा, हैदराबाद में जो हुआ, वह बहुत भयानक है। आप कानून को हाथ में नहीं ले सकते हैं। वैसे भी उनको फांसी मिलती। अगर आप उनको पहले ही बंदूक से मार दोगे, तो फिर क्या फायदा है अदालत का, पुलिस का, कानून का। फिर आप बंदूक उठाओ और जिसको भी मारना है मारो।

कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी-  एक साथ चारों को मार देना एक्सट्रीम कंडीशन
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं और जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, "कहीं पुलिस ने दबाव में आकर एनकाउंटर तो नहीं किया। कौन सी नौबत आ गई थी कि कानून के रखवालों को ही कानून हाथ हाथ में लेना पड़ा। हो सकता है कि चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश की हो, लेकिन एक साथ चारों आरोपियों को मार देना एक्सट्रीम कंडीशन है। एनकाउंटर की जांच होनी चाहिए।" 

कुमार विश्वास-  दुखद सूचना
कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, "इस घटना पर देश के सामान्य नागरिकों में प्रसन्नता, न्यायिक व्यवस्था व राजनैतिक संकल्प-शक्ति के प्रति गहरे अविश्वास की दुखद सूचना भी है। जनतंत्र के रूप में हम सब को इस व्यवस्था के आमूल-चूल कायाकल्प के विषय में सोचना ही होगा।" 
 
डॉक्टर निशा के साथ कब गैंगरेप हुआ था? 
28 नवंबर की सुबह 26 साल की डॉक्टर निशा का शव ब्रिज के नीचे अधजली हालत में मिला था। 27 नवंबर को डॉक्टर के साथ गैंगरेप के बाद हत्या हुई। 29 नवंबर तक सभी आरोपी गिरफ्तार हुए। कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। 06 दिसंबर आरोपियों ने घटना वाली जगह से भागने की कोशिश की। एनकाउंटर के दौरान चारों आरोपी मारे गए।