सार

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद सोशल मीडिया पर शिवसेना की जमकर किरकिरी हो रही है। उद्धव ठाकरे पर बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा के विपरीत काम करने के आरोप लग रहे हैं।

मुंबई. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद सोशल मीडिया पर शिवसेना की जमकर किरकिरी हो रही है। उद्धव ठाकरे पर बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा के विपरीत काम करने के आरोप लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर अब #SorryBalasaheb ट्रेंड कर रहा है। इस हैसटैग को लेकर लोग लगातार ट्वीट कर रहे हैं। सभी ट्वीट में शिवसेना का जमकर मजाक बनाया जा रहा है। बाला साहेब ठाकरे के समर्थक उद्धव के इस निर्णय को पचा नहीं पा रहे हैं। शिवसेना और कांग्रेस का बेमेल जोड़ किसी के गले नहीं उतर रहा है और चारो तरफ लोग शिवसेना का मजाक बना रहे हैं। 

बाला साहेब की विचारधारा शेर वाली विचारधारा थी और उनको किंग बनने की बजाय किंग मेकर बनना ज्यादा पसंद था, पर उद्धव ने सत्ता के लालच में न सिर्फ अपनी विचारधारा से समझौता किया, बल्कि खुद ही राज्य के मुख्यमंत्री भी बन गए। 

हमेशा से ही कट्टर हिंदुत्वव की बात करने वाली शिवसेना अब सेक्यूलर हो गई है। राज्य में सरकार बनाने से पहले उद्धव ठाकरे ने अपना कामन मिनिमम प्रोग्राम जारी किया। इसमें हिदुत्व की बात करने वाली शिवसेना ने दो बार सेक्यूलर शब्द का उपयोग किया था। 
 

सोशल मीडिया पर लोग शिवसेना का मजाक बनाते हुए फोटो शेयर कर रहे हैं। इन तस्वीरों में सोनिया गांधी शेर के नाखून काटती नजर आ रही हैं और शरद पवार शेर की सवारी कर रहे हैं। बता दें कि बाला साहेब ठाकरे खुद को शेर और अपनी पार्टी को शेरों की पार्टी कहते थे।

 

बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना हमेशा से ही वीर सावरकर के विचारों का सम्मान करती रही है। इस चुनाव से पहले भी शिवसेना ने वीर सावरकर को सम्मानित करने के नाम पर वोट मांगा था, पर नतीजे आने के बाद पार्टी अपने वादे से पलट गई और उसने सेक्यूलर एजेंडा अपना लिया।