सार

पूर्वोत्तर भारत में बारिश ने कहर बरपा दिया है। असम और अरुणाचल प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। हालांकि प्री-मानसून और दक्षिण पश्चिम मानसून(southwest monsoon) की गतिविधियों के बावजूद दिल्ली सहित कई राज्यों में लू(heat wave) का असर रहा। IMD ने अब पूरे देश से लू थमने की उम्मीद जताई है। आइए जानते हैं देश के मौसम का मिजाज...

नई दिल्ली. दक्षिण पश्चिम मानसून(southwest monsoon) धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इस बीच पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश फिर से मुसीबत बन गई है। असम और अरुणाचल प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। हालांकि प्री-मानसून और दक्षिण पश्चिम मानसून(southwest monsoon) की गतिविधियों के बावजूद दिल्ली-यूपी सहित कई राज्यों में लू(heat wave) का असर रहा। IMD ने अब पूरे देश से लू थमने की उम्मीद जताई है। आइए जानते हैं देश के मौसम का मिजाज...

(यह तस्वीर तिरुवनंतपुरम की है, जहां 15 जून को केरल सचिवालय के बाहर ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी अपने रियोट प्रोटेक्शन गियर के सहारे बारिश से बचने की कोशिश करत हुए)

इन राज्यों में बारिश या भारी बारिश का अलर्ट
अगले 24 घंटों के दौरान, असम और मेघालय में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। सिक्किम, शेष पूर्वोत्तर भारत, बिहार के कुछ हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश, केरल के कुछ हिस्सों, तटीय कर्नाटक, रायलसीमा, लक्षद्वीप और तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने के आसार हैं। पश्चिमी हिमालय, पंजाब, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पूर्वी गुजरात में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जबकि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तर और पूर्वोत्तर राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी, गरज के साथ बारिश हो सकती है।

मानसून की जल्द ओडिशा में एंट्री
दक्षिण पश्चिम मानसून(southwest monsoon) के आजकल के दौरान ओडिशा में दस्तक देने की संभावना है।   आईएमडी के मौसम विभाग के भुवनेश्वर केंद्र ने कहा कि मलकानगिरी जिले के चित्रकोंडा और ओडिशा के दक्षिणी हिस्से में कुछ अन्य स्थानों पर पहले से ही प्री-मानसून बारिश शुरू हो गई है। मौसम कार्यालय ने कहा कि तटीय राज्य के 16 जिलों में एक या दो स्थानों पर 24 घंटे बिजली गिरने के साथ गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, झारसुगुडा, सुंदरगढ़, देवगढ़, क्योंझर, संबलपुर, मयूरभंज, अंगुल, ढेंकनाल, बौध, कंधमाल, रायगड़ा, गजपति, गंजम, मलकानगिरी, कोरापुट और नबरंगपुर जिलों में एक या दो स्थानों पर गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। गजपति, गंजम और कुछ अन्य स्थानों पर ओडिशा के आंतरिक जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

दिल्ली में लू का फिर दिखा असर
मौसम विभाग की बादल छाए रहने और हल्की बारिश की भविष्यवाणी के बावजूद दिल्ली के कुछ हिस्सों में लू का दौर फिर से लौट आया है। आईएमडी ने कहा कि लगातार पश्चिमी विक्षोभ और आने वाले दिनों में निचले स्तर के पुरवाई(हवाओं) की भविष्यवाणी की गई है, जिससे गर्मी कम रहने की संभावना है। अगले 4 दिनों में गरज के साथ बौछारें या हल्की बारिश की चेतावनी दी है। सोमवार तक पारा 34 डिग्री सेल्सियस तक गिरने का अनुमान है। 21 जून के बाद मौसम साफ हो जाएगा और शुष्क पछुआ हवाएं शुरू हो जाएंगी, लेकिन तापमान में तेज वृद्धि की भविष्यवाणी नहीं की गई है।
मानसून के दिल्ली में सामान्य तिथि 27 जून या एक या दो दिन पहले पहुंचने की उम्मीद है।

इन राज्यों में हुई बारिश
पिछले 24 घंटों के दौरान, असम और अरुणाचल प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। गंगीय पश्चिम बंगाल, सिक्किम, रायलसीमा, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भी भारी बारिश होती रही। कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण-पूर्व राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, झारखंड, पूर्वी बिहार, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक या एक स्थान पर हल्की बारिश हुई। तमिलनाडु, केरल, उत्तरी तटीय ओडिशा और सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर तेज बारिश दर्ज की गई। तटीय कर्नाटक, गुजरात के कुछ हिस्सों, ओडिशा, पूर्वी राजस्थान, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हुई।

भारत में मौसम मे बदलाव की वजहें
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर के आसपास के इलाकों पर सक्रिय बना हुआ है। एक अपतटीय ट्रफ रेखा(offshore trough ine) कर्नाटक तट से केरल तट तक फैली हुई है। एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी अरब सागर के मध्य भाग के ऊपर समुद्र तल से 3.1 और 5.8 किमी के बीच ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका दिखाई दे रहा है।

IMD के अनुसार, एक ट्रफ रेखा अरब सागर पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से लेकर उत्तरपूर्वी अरब सागर और कच्छ होते हुए दक्षिण-पश्चिम राजस्थान तक फैली हुई है। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश से मणिपुर तक बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और असम होते हुए एक निम्न दबाव की रेखा देखी जा सकती है।

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