सार

12वीं और व्यावसायिक पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षाएं कराने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें वैकल्पिक तौर-तरीके खोज रही हैं। 21 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मीटिंग करके इस संबंध में कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को आपस में चर्चा करने को कहा था। इसी सिलसिले में 23 मई को मंत्रियों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। अब 25 मई को राज्य अपना फीडबैक देंगे। इस मैराथन का मकसद कोरोना से सुरक्षित रखते हुए एग्जाम कराना है। सरकार का मानना है कि 12वीं का एग्जाम बच्चों के करियर में महत्वपूर्ण जगह रखता है। इसलिए उसे रद्द करना ठीक नहीं होगा।

नई दिल्ली. कोरोना ने हर सेक्टर पर बुरा असर डाला है। पिछले एक साल से स्कूल बंद पड़े हैं। हालांकि केंद्र और राज्य सरकारों की पहल से बच्चों को ऑनलाइन एजुकेशन दी जा रही है। लेकिन असली चिंता एग्जाम को लेकर है। 12वीं और व्यावसायिक पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षाएं कराने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें वैकल्पिक तौर-तरीके खोज रही हैं। 21 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मीटिंग करके इस संबंध में कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को आपस में चर्चा करने को कहा था। इसी सिलसिले में 23 मई को मंत्रियों और अधिकारियों ने विभिन्न राज्यों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। अब 25 मई को राज्य अपना फीडबैक देंगे। इस मैराथन का मकसद कोरोना से सुरक्षित रखते हुए एग्जाम कराना है। सरकार का मानना है कि 12वीं का एग्जाम बच्चों के करियर में महत्वपूर्ण जगह रखता है। इसलिए उसे रद्द करना ठीक नहीं होगा।

बच्चों के भविष्य को लेकर फिक्रमंद हैं सरकारें
पहले बता दें कि 21 मई को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में नौ केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। इसमें मोदी ने कहा था कि सरकार को बच्चों की वर्तमान सुरक्षा के साथ भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना है। उन्होंने इस विषय में राज्यों के सुझाव लेने और वैकल्पिक तरीके निकालने एक उच्चस्तरीय बैठक करने की पहल की थी। इसी संबंध में 23 मई को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों एवं प्रशासकों के साथ एक राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन किया था। 

इसकी अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी, केंद्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे शामिल हुए। सचिव, उच्च शिक्षा अमित खरे, सचिव, स्कूल शिक्षा अनीता करवाल और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे।

बैठक के मुख्य बिंदु
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं अकादमिक कल्याण और शिक्षा प्रणाली का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए पूरा देश एकजुट हो गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद सरकार ने शिक्षा को ऑनलाइन मोड में सफलतापूर्वक लाने में अपनी ओर से कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि घरों को स्कूलों में तब्दील कर दिया गया।  

केन्द्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों के भविष्य को आकार देने और करियर को परिभाषित करने में कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं व अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं के महत्व पर विचार विमर्श किया। उन्होंने ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, कक्षा 10 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने और आंतरिक आकलन के माध्यम से मूल्यांकन करने का फैसला किया है, लेकिन एक विद्यार्थी के भविष्य के निर्धारण के लिए 12वीं कक्षा की परीक्षाएं काफी महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा कि परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उपलब्ध विभिन्न विकल्प तलाशने में सक्षम बनाने के लिए केन्द्र और राज्य बोर्डों व अन्य परीक्षा एजेंसियों की यह बैठक बुलाई गई। पोखरियाल ने भरोसा दिलाया कि बैठक में सभी के साथ हुए विचार-विमर्श से विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं पर उपयुक्त फैसला लेने में सहायता मिलेगी और हमारे बच्चों का एक सुनहरा भविष्य सुनिश्चित होगा।

25 मई तक अपना फीडबैक देंगे राज्य
इस दौरान हुआ विचार-विमर्श, दो विषयों-केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और अन्य राज्य बोर्डों द्वारा कक्षा 12 के लिए आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं तथा विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा। परीक्षाओं का तरीका, प्रक्रिया, अवधि और समयसीमा से संबंधित विभिन्न विकल्पों पर चर्चा हुई। हालांकि, बोर्डों की सहमति के बावजूद यह फैसला लिया गया कि राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश आगे इस मामले पर विचार कर सकते हैं और 25 मई, 2021 तक लिखित में अपना फीडबैक भेज सकते हैं। मंत्रालय सभी सुझावों पर विचार करेगा और जल्द ही अंतिम फैसला लेगा। 

यह भी जानें
बैठक में झारखंड और गोवा के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री तथा राज्य शिक्षा मंत्री, राज्य शिक्षा सचिव, परीक्षा बोर्डों के अध्यक्ष, केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासक, भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, सीबीएसई, यूजीसी और एआईसीटीई के चेयरमैन, महानिदेशक राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी और कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

इससे पहले 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सूचना दी थी कि 12वीं कक्षा की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं और विद्यार्थियों को कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में 1 जून तक आगे की जानकारी दी जाएगी। इस संदर्भ में, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ हुए परामर्श के क्रम में भारत सरकार इस सप्ताह विभिन्न राज्य सरकारों से मिले सुझावों का परीक्षण करेगी और इस संबंध में 1 जून, 2021 या उससे पहले विद्यार्थियों को अग्रिम सूचना दी जाएगी।